रेल होटल घोटाला केस: CBI ने लालू और तेजस्वी को पूछताछ के लिए बुलाया
इसी साल जुलाई में सीबीआई ने लालू के पटना और दिल्ली सहित करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. लालू पर आरोप है कि जब वब रेलमंत्री थे, तब रेलवे के होटल के आवंटन को लेकर उन्होंने गड़बड़ियां की थी.
नई दिल्ली: रेल होटल घोटाले मामले में सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है. इस मामले में सीबीआई ने लालू के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. सीबीआई ने दोनों को अलग-अलग दिन बुलाया है.
CBI has summoned Lalu Prasad Yadav on 11th September and Tejashwi Yadav on 12th September in Railway hotel tender case
— ANI (@ANI) September 7, 2017
सीबीआई लालू से 11 सितंबर यानी सोमवार तो तेजस्वी से 12 सितंबर यानी मंगलवार के दिन पूछताछ करेगी. इसी साल जुलाई में सीबीआई ने लालू के पटना और दिल्ली सहित करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. लालू पर आरोप है कि जब वब रेलमंत्री थे, तब रेलवे के होटल के आवंटन को लेकर उन्होंने गड़बड़ियां की थी.
किन-किन लोगों पर दर्ज हुआ मामला?
इस मामले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, लालू के सहयोगी प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, पटना में सुजाता होटल्स के दोनों डॉयरेक्टर, डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (लारा प्रोजेक्टस) आईआरसीटीसी के पूर्व एमडी सहित कई लोगों के ऊपर सीबीआई ने पांच जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई ने इन लोगों के ऊपर आईपीसी की धारा 420, 120B, 13 1D के तहत मामला दर्ज किया है.
टेंडर बांटने में हुई थी गड़बड़ियां
सीबीआई के मुताबिक, ”जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब रेलवे के दो होटल बीएनआर होटल पूरी और बीएनआर होटल रांची को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था और इनकी देखभाल रखने के लिए टेंडर इशू किए गए थे. बाद में यह पाया गया कि टेंडर बांटने में गड़बड़ियां हुई हैं. ये टेंडर मिसिज सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेज को इशू हुए थे.”
लालू ने प्राइवेट कंपनी को पहुंचाया फायदा
सीबीआई के मुताबिक, ”प्रार्थमिक जांच में ये पाय़ा गया है कि ये टेंडर बांटने में कुछ गड़बड़ियां की गई हैं और इस प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है और इसके बदले लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को एक जमीन दी गई. पहले ये जमीन मिसिज डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने ली जिसकी कर्ता धर्ता सुजाता गुप्ता हैं.”
सीबीआई के मुताबिक,”जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री नहीं थे, तब साल 2010 से 2017 के बीच में ये जमीन उनके परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्टस में ट्रांसफर कर दी गई. अस्थाना ने बताया कि यह ट्रांसफर भी बेहद कम कीमत पर किया गया, जहां सर्कल रेट के मुताबिक जमीन की कीमत 32 करोड़ रुपए थी उसे लारा प्रोजेक्ट्स को करीब 65 लाख रपए में स्थानांतरित किया गया. इन सभी मामलों में काफी गड़बड़ियां पाई गई थी, इसलिए आज इस मामले में सीबीआई ने 12 ठिकानों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी पटना, रांची, दिल्ली, भुवनेश्वर और गुड़गांव में की गई.”
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