(Source: ECI / CVoter)
'कायर होते हैं आतंकवादी, सेना से खुलकर लड़ने की नहीं होती है हिम्मत'- राजौरी हमले पर बोले BJP नेता
Rajouri Terror Attack: बीजेपी के नेता ने जम्मू कश्मीर में कहा कि एक साथ खड़े होकर आतंकवाद को हराया जा सकता है. आतंकवादी कायर होते हैं उनमें सुरक्षा बलों से खुलकर लड़ने की हिम्मत नहीं होती है.
Rajouri Terror Attack: जम्मू कश्मीर के बीजेपी (BJP) अध्यक्ष रवींद्र रैना (Ravinder Raina) ने शनिवार (7 जनवरी) को कहा कि एकसाथ खड़े होकर ही आतंकवाद को हराया जा सकता है. जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादी हमले के बाद एकजुट रहने के लिए लोगों की प्रशंसा की. इस महीने की शुरुआत में राजौरी के धंगरी गांव में आतंकवादियों ने हमला किया था. इस हमले में 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे.
एक जनवरी को आतंकवादियों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे, वहीं अगली सुबह गांव में एक आईईडी (IED) फटने से दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई थी. रैना ने कहा, ‘‘हर धर्म के लोगों ने पीर पंजाल (पुंछ और राजौरी जिले), चिनाब घाटी क्षेत्र (डोडा, किश्तवाड़, रामबन) और रियासी सहित पूरे जम्मू में आतंकवादियों के बर्बर कृत्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों के तरफ से किया गया रक्तपात सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश है.’’
आतंकवाद को उखाड़ फेंकेंगे
जम्मू कश्मीर के बीजेपी के अध्यक्ष रैना ने राजौरी के सुदूर पोथा गांव में, एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, जिस तरह से लोगों ने एकसाथ खड़े होकर आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को विफल किया, जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जल्द ही उखाड़ फेंका जाएगा. बीजेपी के नेता ने कहा कि आतंकवादी कायर होते हैं और उनमें सुरक्षा बलों से खुलकर लड़ने की हिम्मत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि आतंकवादी हमें विभाजित करने के लिए लक्षित हमले कर रहे हैं.’’ रैना ने लोगों के तरफ से दिखाई गई एकता और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की उनकी दृढ़ इच्छा पर प्रसन्नता व्यक्त किया.
राजौरी में आतंकवादी हमला
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बीते दिनों आतंकियों ने तीन अलग-अलग घरों को निशाना बनाते हुए 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इस दौरान एक शख्स ने राइफल की मदद से अपनी जान बचायी थी. 42 साल के बाल कृष्ण ने बताया कि वो डांगरी चौक पर कपड़े की दुकान का मालिक है. वो दुकान बंद कर के अपने घर लौटा था कि तभी उसने कुछ गोलियों की आवाज सुनी.
उन्होंने बताया, "मैंने गोलियों की आवाज सुनी और अपनी राइफल निकालकर घर के बाहर आया. मैंने दो बदूंकधारियों को घर के पास देखा और इन्हें देख मैंने दो राउंड फायरिंग की जिससे वो घबरा कर पास के जंगल में चले गए." बाल कृष्ण ने बताया, गोली चलाने से दोनों बंदूकधारी जंगल में भाग गए जिसके बाद ग्रामीणों ने घरों से निकल कर घायलों की मदद की.
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