एक्सप्लोरर

नेहरू का फैसला मान लेता ये IAS तो नहीं बनता राम मंदिर!

Ayodhya Ram Mandir: साल 1949 को एफआईआर दर्ज करवाई गई थी कि कुछ लोगों ने राम चबूतरे पर बने मंदिर का ताला तोड़कर मूर्ति उठा ली और मस्जिद में रख दी. इसके बाद वहां के डीएम ने सीएम को सुझाव भेजे थे.

Ayodhya Ram Mandir History: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के अनेकों किरदार हैं. इस मंदिर के तमाम किरदारों के बीच एक ऐसा किरदार भी है, जिसने तब देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत की बात मान ली होती या बात न मानने के एवज में इस्तीफा दे दिया होता तो शायद आज भी राम मंदिर नहीं बन पाया होता. उस अधिकारी का नाम केके नायर है, जो साल 1949 में अयोध्या के जिलाधिकारी हुआ करते थे और जिनके एक इनकार ने 74 साल पहले ही राम मदिर की नींव रख दी थी.

केके नायर की भूमिका

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में केके नायर की क्या भूमिका है, इसको समझने के लिए आपको करीब 74 साल पीछे चलना होगा. उस वक्त जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद हुआ करती थी और जिले का नाम अयोध्या नहीं, बल्कि फैजाबाद हुआ करता था. तब केके नायर फैजाबाद के डीएम हुआ करते थे. उनका पूरा नाम कडांगलाथिल करुणाकरण नायर था और वह केरल के रहने वाले थे.

उन्होंने अपनी पढ़ाई इंग्लैंड से की थी. तब देश में आईएएस न होकर आईसीएस हुआ करते थे. केके नायर भी 1930 बैच के उत्तर प्रदेश आईसीएस कैडर थे. 1 जून 1949 को ही उन्होंने फैजाबाद के डीएम के रूप में कार्यभार संभाला था. साल 2019 में रामलला को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो करीब 1000 पन्ने का फैसला आया, उसमें केके नायर की भूमिका के बारे में तफसील से लिखा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक 29 नवंबर 1949 को फैजाबाद के एसपी कृपाल सिंह ने फैजाबाद के डिप्टी कमिश्नर और डीएम केके नायर को पत्र लिखा. 

फैजाबाद के एसपी का पत्र

उस पत्र में लिखा था, ''मैं शाम को अयोध्या के बाबरी मस्जिद और जन्म स्थान गया हुआ था. मैंने वहां मस्जिद के इर्द-गिर्द कई हवन कुंड देखे. उनमें से कई पहले से मौजूद पुराने निर्माण पर बनाए गए थे. मैंने वहां ईंट और चूना भी देखा. उनका वहां पर एक बड़ा हवन कुंड बनाने का प्रस्ताव है, जहां पूर्णिमा पर बड़े स्तर पर कीर्तन और यज्ञ होगा.''

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ही लिखा है कि एसपी ने डीएम को लिखे पत्र में इस बात की आशंका जताई थी कि पूर्णिमा के दिन हिंदू जबरन मस्जिद में घुसने की कोशिश करेंगे और वहां पर मूर्ति भी स्थापित करेंगे.

16 दिसंबर 1949 को केके नायर ने उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव गोविंद नारायण को पत्र लिखा और दावा किया कि वहां पर विक्रमादित्य की ओर से बनवाया गया मंदिर था, जिसे बाबर ने ध्वस्त कर दिया और मंदिर के अवशेष से मस्जिद बनवा दी. इस पत्र में ही केके नायर ने लिखा कि उन्हें मस्जिद पर कोई खतरा नहीं दिख रहा है, जिसका जिक्र एसपी कृपाल सिंह ने अपने पत्र में किया था.

मंदिर में प्रकट हुई मूर्ति

हालांकि 22-23 दिसंबर 1949 की दरम्यानी रात को मस्जिद के अंदर रामलला की मूर्ति प्रकट हो गई. दरअसल अयोध्या के लोगों का मानना है कि 22 दिसंबर 1949 की रात को बाबरी मस्जिद की बीच वाली गुंबद के ठीक नीचे रामलला प्रकट हुए थे. अभी अयोध्या में जिस रामलला के विग्रह की पूरी दुनिया पूजा करती है, ये वही विग्रह है जो 22 दिसंबर 1949 की रात को मस्जिद के अंदर प्रकट हुआ था.

हालांकि तथ्य ये है कि बाबरी मस्जिद के बाहर एक राम चबूतरा हुआ करता था, जिसपर सदियों से रामलला का ये विग्रह विराजमान था और जिसकी पूजा-अर्चना होती रहती थी. राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े की देखरेख में था, लेकिन 22 दिसंबर की रात को वो विग्रह मस्जिद के अंदर बीच वाली गुंबद के ठीक नीचे पाया गया था.

मस्जिद में कैसे रखी गई मूर्ति

अयोध्या थाने के तत्कालीन एसएचओ रामदेव दुबे की ओर से 23 दिसंबर 1949 को दर्ज करवाई गई एफआईआर के मुताबिक 22 दिसंबर की रात 50-60 लोगों ने राम चबूतरे पर बने मंदिर का ताला तोड़कर मूर्ति उठा ली. वो लोग मस्जिद की दीवार फांदकर दाखिल हो गए और वहां भगवान राम की मूर्ति रख दी.

रामदेव दुबे की एफआईआर के मुताबिक मस्जिद में तैनात कांस्टेबल माता प्रसाद ने भीड़ को ऐसा करने से रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वो नाकाम रहा. उस कॉन्सटेबल ने और भी फोर्स बुलाने की कोशिश की, लेकिन जब तक फोर्स आती, तब तक भीड़ मस्जिद में मूर्ति रखकर जा चुकी थी. रामदेव दुबे ने इस केस में हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास को मुख्य आरोपी बनाया गया था, जिन्हें बाद में अयोध्या के लोगों ने राम जन्मभूमि उद्धारक या उद्धारक बाबा कहना शुरू कर दिया था.

रामलला के प्रकट होने की खबर

23 दिसंबर की सुबह ही रामलला के प्रकट होने की खबर अयोध्या और उसके आस-पास के इलाकों में भी फैल गई. इसके बाद लोगों की भीड़ जुटने लगी और भए प्रगट कृपाला-दीन दयाला के भजन भी शुरू हो गए. यह खबर सरकार तक भी पहुंची. उस समय केंद्र में जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और वल्लभ भाई पटेल गृहमंत्री थे, जबकि राज्य में मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत थे और गृहमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे.

अयोध्या में कोई बवाल न हो, इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों ने तय किया कि अयोध्या में पहले वाली स्थिति बहाल की जाए. इसके लिए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव भगवान सहाय ने फैजाबाद के डीएम को आदेश दिया कि रामलला की मूर्ति को मस्जिद से निकालकर राम चबूतरे पर फिर से रख दिया जाए.

डीएम केके नायर ने किस फैसले को नहीं माना

उस समय फैजाबाद के डीएम केके नायर थे, जिन्होंने एक हफ्ते पहले ही कहा था कि मस्जिद सुरक्षित है और वहां पर कुछ नहीं होगा, लेकिन 22-23 दिसंबर की रात को वहां मूर्ति रख दी गई. ऐसे में केके नायर को मुख्य सचिव का आदेश आया था कि वो रामलला की मूर्ति को मस्जिद से निकालकर फिर से राम चबूतरे पर रखवा दें.

मुख्य सचिव भगवान दास ने ये भी कहा था कि अगर इस काम के लिए उन्हें फोर्स भी लगानी पड़े तो फोर्स लगाई जाए. 23 दिसंबर की दोपहर को जब केके नायर के पास ये आदेश पहुंचा, तो उन्होंने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने अपने जवाब में लिखा कि ऐसा करने से अयोध्या और आसपास की कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. इसके अलावा कोई भी पुजारी मस्जिद से निकालकर मूर्ति को फिर से राम चबूतरे पर विधिवत स्थापित करने को तैयार नहीं है.

डीएम ने पेश कर दिया इस्तीफा

मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत केके नायर के तर्क से सहमत नहीं हुए. वहीं पंडित नेहरू का भी दबाव था कि अयोध्या में पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए. जिसके बाद गोविंद वल्लभ पंत ने फिर से केके नायर पर दबाव डाला और बदले में केके नायर ने फिर से आदेश मानने से इनकार करते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी.

25 दिसंबर 1949 को पत्र में केके नायर ने लिखा ''अगर सरकार अब भी चाहती है कि रामलला की मूर्ति को वहां से हटाकर बाहर किया जाए, तो मेरी गुजारिश है कि मेरी जगह पर किसी और अधिकारी की नियुक्ति कर दी जाए.''

केके नायर ने सरकार को दिया सुझाव

26 और 27 दिसंबर, 1949 को यूपी सरकार के मुख्य सचिव भगवान सहाय को लिखे पत्र में केके नायर ने लिखा कि 23 दिसंबर को जो घटना घटित हुई वो अप्रत्याशित थी और उसे वापस करना मुश्किल था. केके नायर ने सरकार को सुझाव दिया कि अब इस मामले को अदालत के हाल पर छोड़ दिया जाए और जब तक अदालत का फैसला नहीं आता, मस्जिद में जहां मूर्ति रखी है, उसे जाली से घेर दिया जाए. साथ ही मूर्ति को भोग लगाने वाले पुजारियों की संख्या तीन से घटाकर एक कर दी जाए. इसके अलावा नायर ने मूर्ति के पास सुरक्षा घेरा बढ़ाने की भी सिफारिश की थी.

तत्कालीन सीएम ने डीएम के सुझाव को माना

मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत के पास दो रास्ते थे. पहला तो ये कि वो केके नायर का इस्तीफा स्वीकार कर लें और किसी दूसरे अधिकारी को तैनात करके मूर्ति को मस्जिद से बाहर राम चबूतरे पर लेकर आएं. दूसरा ये था कि वो केके नायर के सुझाए गए उपायों पर अमल करें. गोविंद वल्लभ पंत सरकार ने नायर का इस्तीफा नामंजूर कर दिया और सुझाए गए उपायों को अमल करने का आदेश दिया.

इसके बाद से ही कभी वो मूर्ति हटाई नहीं जा सकी और अदालती मुकदमे शुरू हो गए, जिसकी परिणति साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आखिरी फैसले से हुई, जिसमें अदालत ने भव्य राम मंदिर के निर्माण का आदेश जारी किया. हालांकि बाद में पंडित नेहरू ने खुद इस पूरे विवाद के लिए केके नायर को ही जिम्मेदार ठहराया था.

5 मार्च, 1950 को एक पत्र में पंडित नेहरू ने लिखा, ''यह घटना दो-तीन महीने पहले घटी थी और मैं इससे बेहद परेशान हूं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर बहादुरी दिखाई, लेकिन कुछ खास किया नहीं. उनके फैजाबाद के जिलाधिकारी ने गलत व्यवहार किया और इस घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए.''

डीएम ने प्रधानमंत्री नेहरू की बात भी नहीं मानी 

ये भी कहा जाता है कि सीधे प्रधानमंत्री नेहरू ने केके नायर ने मूर्ति को हटाने के लिए कहा था, लेकिन केके नायर ने नेहरू की भी बात मानने से इनकार कर दिया. नतीजा ये हुआ कि केके नायर को उनकी नौकरी से जबरन रिटायर कर दिया गया. 14 मार्च 1950 को वो फैजाबाद के डीएम पद से हटा दिए गए और वहीं से उनका रिटायरमेंट कर दिया गया. बाद में केके नायर और उनकी पत्नी सुशीला नायर ने भारतीय जनसंघ का दामन थाम लिया.

पहले सुशीला नायर कैसरगंज से 1952, 1967 और 1971 में सांसद बनीं. वहीं केके नायर भी 1967 में बहराइच से सांसद बन गए और अयोध्या के आस-पास के इलाके के लिए हिंदुत्व के बड़े चेहरे के तौर पर याद किए गए. अगर केके नायर ने उस वक्त प्रधानमंत्री नेहरू का आदेश मान लिया होता, तो शायद परिस्थितियां कुछ और होतीं. 

ये भी पढें: एकनाथ शिंदे की कुर्सी बरकरार, उद्धव ठाकरे गुट की हार, विधायकों की सदस्यता बनी रहेगी | बड़ी बातें

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर निगरानी के लिए पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टी20 इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज, इस भारतीय का नाम चौंका देगा
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टी20 इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज, इस भारतीय का नाम चौंका देगा
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... फिल्म फेस्टिवल से आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल, देखें तस्वीरें
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल

वीडियोज

Bollywood News: बाॅलीवुड गलियारों की बड़ी खबरें | Salman Khan | Mumbai | Diljit Dosanjh
Chhattisgarh News: रायपुर के व्यापारी ने महिला DSP पर लगाया करोड़ों हड़पने का आरोप | ABP News
जुबां पर प्यार का वादा... लेकिन आंखों में दौलत के सपने... हर वक्त उसे पैसा ही पैसा | Sansani
बेकाबू कार...मच गया हाहाकार, हादसे का वीडियो कंपा देगा! | Gujarat | Greater Noida
Parliament Winter Session: संसद सत्र के बीच जर्मनी जाएंगे Rahul Gandhi? | Amit Shah | Janhit

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर निगरानी के लिए पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टी20 इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज, इस भारतीय का नाम चौंका देगा
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टी20 इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज, इस भारतीय का नाम चौंका देगा
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... फिल्म फेस्टिवल से आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल, देखें तस्वीरें
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल
Kidney Damage Signs: आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?
घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?
दिल्ली में आज फिर मनेगी दीपावली, जानें रेखा गुप्ता सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
दिल्ली में आज फिर मनेगी दीपावली, जानें रेखा गुप्ता सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
Video: पुलिस की गाड़ी ने लिया गलत यू-टर्न तो महिला ने बीच चौराहे पढ़ाया कानून का पाठ- वीडियो वायरल
पुलिस की गाड़ी ने लिया गलत यू-टर्न तो महिला ने बीच चौराहे पढ़ाया कानून का पाठ- वीडियो वायरल
Embed widget