Krishna Janmabhoomi: मथुरा के शाही ईदगाह मामले में कोर्ट के फैसले पर क्या कुछ बोले असदुद्दीन ओवैसी?
Krishna Janmabhoomi: मथुरा की अदालत ने वह याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली जिसमें शाही ईदगाह को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इस मामले पर असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

Asaduddin Owaisi On Krishna Janmabhoomi Row: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मस्जिद विवाद पर भी अदालत में सुनवाई होगी. मथुरा की जिला अदालत ने सुनवाई की याचिका मंजूर कर ली है. इस मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का बयान भी सामने आया है. उन्होंने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच हुए समझौते की याद दिलाई.
उन्होंने कहा कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट ने 1968 में एक समझौते से उनके मुद्दों का समाधान किया था. पूजा स्थल अधिनियम 1991, ऐसे मामलों को अदालत में जाने से भी रोकता है. लेकिन कानून अब कोई मायने नहीं रखता. मुसलमानों की इज्जत लूटना अब एकमात्र लक्ष्य रह गया है. इसके साथ-साथ ओवैसी ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच हुए समझौते की कॉपी भी ट्वीट की.
Agreement between Sri Krishna Janmasthan Seva Sangh & Shahi Idgah Trust 2/2 pic.twitter.com/U6ERWeHVxi
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 19, 2022
केशवदेव मंदिर की जमीन पर ईदगाह निर्माण किया दावा
बता दें कि, मथुरा की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को वह याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली जिसमें शाही ईदगाह को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 1 जुलाई रखी है. हिंदू पक्ष के एक वकील ने यह जानकारी दी. याचिका में दावा किया गया है कि ईदगाह का निर्माण केशवदेव मंदिर की जमीन पर किया गया जो भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है.
13.37 एकड़ क्षेत्र में फैला है कृष्ण जन्मभूमि परिसर
वकील हरि शंकर जैन ने कहा कि अदालत ने इस मामले में दायर कई याचिकाओं में से एक को विचार के लिए स्वीकार किया है. कृष्ण जन्मभूमि परिसर 13.37 एकड़ क्षेत्र में फैला है. याचिका के अनुसार, मंदिर की भूमि पर मस्जिद बनाई गई है.
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