राफेल डील: जेटली का राहुल पर पलटवार, कहा- पहले से कैसे पता था कि फ्रांस से बयान आने वाला है?
राफेल विवाद: वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि जब कांग्रेस के नेता खुद ओलांद पर एक प्राइवेट कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगा चुके हैं तो फिर उनके बयान को कैसे मान सकती है?

नई दिल्ली: राफेल विमान सौदे को लेकर पिछले कई दिनों से देश की राजनीति गर्म है और हाल फिलहाल इसके कम होने आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के रिलायंस को लेकर दिए बयान के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के इसी हमले का जवाब आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि उन्हें पहले कैसे पता चला कि राफेल पर फ्रांस से बयान आने वाला है?
वित्त मंत्री ने कहा, ''30 अगस्त को ट्वीट करते हैं कि फ्रांस के अंदर कुछ बम चलने वाले हैं. ये उनको (राहुल गांधी) कैसे मालूम कि ऐसा बयान आने वाला है? ये जो जुगल बंदी है इस तरह की, मेरे पास कुछ सबूत नहीं है लेकिन प्रश्न खड़ा होता है.''
#WATCH 30 August ko tweet karte hain ki France ke andar kuch bomb chalne vale hain.Yeh unko(Rahul Gandhi) kaise malum ki bayan aisa ane vala hai? Yeh jo jugalbandi hai is tarah ki, mere paas kuch sabot nahi hai. Lekin mann mein prashan khada hota hai:FM Jaitley #FMtoANI #Hollande pic.twitter.com/BNpPFanm42
— ANI (@ANI) September 23, 2018
राहुल गांधी पर जेटली ने कहा, ''सार्वजनिक भाषण कोई लाफ्टर चैलेंज नहीं है कि आप किसी को गले लगा लो, आंख मारो, फिर गलत बयान 10 बार देते रहो. लोकतंत्र में प्रहार होते हैं लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे.''
वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि जब कांग्रेस के नेता खुद ओलांद पर एक प्राइवेट कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगा चुके हैं तो फिर उनके बयान को कैसे मान सकती है खासकर तब जबकि ओलांद अपने देश फ्रांस में हितों के टकराव का आरोप झेल रहे हैं.
जेटली ने एक बार फिर सफाई देते हुए कहा कि फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट और रिलायंस के बीच क्या हुआ उससे सरकार का कोई लेना देना नहीं है. दोनों कम्पनियों के बीच 12 फरवरी 2012 को एक समझौता हुआ था और पीटीआई ने इसकी ख़बर भी दी थी.
WATCH: FM Arun Jaitley speaks to ANI over former French President Francois Hollande's recent revelations(Hindi) https://t.co/o8c2Lje12I
— ANI (@ANI) September 23, 2018
राहुल गांधी के राफेल डील को सुरक्षाबलों पर सर्जिकल स्ट्राइक बताने पर भी वित्त मंत्री ने राहुल को घेरा है. जेटली ने कहा, ''यह बहुत ही आपत्तिजनत बयान है. सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत को गर्व होना चाहिए. अगर आपको इस पर शर्म आती है और इसे गलत तरीके से पेश करते हैं तो आपकी देशभक्ति पर सवाल है.''
फ्रांस्वा ओलांद ने पहले क्या कहा था? फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि राफेल सौदे के लिए भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया था और दसॉल्ट एविएशन कंपनी के पास दूसरा विकल्प नहीं था. फ्रांस की एक पत्रिका में छपे इंटरव्यू के मुताबिक, ओलांद ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से ही रिलायंस का नाम दिया गया था. इसे चुनने में दसॉल्ट एविएशन की भूमिका नहीं है. ओलांद ने कहा, 'भारत की सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, उससे दसॉल्ट ने बातचीत की. दैसॉ ने अनिल अंबानी से संपर्क किया. हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. हमें जो वार्ताकार दिया गया, हमने स्वीकार किया.'
बाद में क्या बोले ओलांद? न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति ओलांद से पूछा गया कि क्या रिलायंस और दसॉल्ट को साथ काम करने को लेकर भारत की तरफ से कोई दबाव था? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. सिर्फ दसॉल्ट ही इस बारे में कोई टिप्पणी कर सकती है.
राहुल गांधी ने क्या कहा था? राहुल गांधी ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने जो आरोप लगाए हैं उसका साफ मतलब है कि पीएम मोदी ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार किया है, चोरी की है. जो राफेल विमान यूपीए सरकार ने 526 करोड़ रुपये का खरीदा था वो अनिल अंबानी की मदद करने के लिए 1600 करोड़ रुपये में खरीदा गया.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ओलांद ने बता दिया है कि अनिल अंबानी को जो हजारों करोड़ रुपये का कॉन्ट्रेक्ट मिला वो पीएम मोदी के कहने पर दिया गया था. इसका साफ अर्थ है कि ओलांद पीएम मोदी को चोर कह रहे हैं और पीएम मोदी के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है. प्रधानमंत्री को देश को जवाब देना चाहिए वर्ना देश की जनता के दिमाग में ये घुस गया है कि देश का चौकीदार चोर है.
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Source: IOCL























