Indian Army: भारतीय सेना के लिए क्या हैं चुनौतियां और भविष्य में क्या-क्या होंगे बदलाव? नए आर्मी चीफ ने बताया
Army Chief: नए आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है, और हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, सेना का कर्तव्य है कि वो किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे.

General Manoj Pande on Challenges: जनरल मनोज पांडे (Gen Manoj Pande) के नए सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद आज उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस मौके पर नए आर्मी चीफ ने भारतीय सेना की चुनौतियों और भविष्य में बदलाव को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहद उच्च मानक की संचालन संबंधी तैयारियों को सुनिश्चित करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. नए सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण और क्षमता विकास के मामले में मेरा प्रयास स्वदेशीकरण के माध्यम से नयी तकनीक का लाभ उठाने का होगा. मैं सेना की संचालन और कार्यात्मक दक्षता को बढ़ाने के लिए जारी सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.
सेना की अलग-अलग यूनिट के बीच तालमेल बढ़ाना होगा-आर्मी चीफ
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आगे कहा कि उनका लक्ष्य सेना की अलग-अलग यूनिट के बीच सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देना होगा. थलसेना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों और संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का अपनी सहयोगी सेवाओं के साथ मिलकर सामना करेगी. आर्मी चीफ ने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है, और हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, भारतीय सेना का कर्तव्य है कि वह सभी सहयोगी सेवाओं के साथ समन्वय में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे. मेरा प्रयास रहेगा कि पहले के आर्मी चीफ के कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके. मैं अन्य दो सेना प्रमुखों को अच्छी तरह से जानता हूं. यह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, सहयोग और संयुक्त कौशल की अच्छी शुरुआत है.
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तीनों सेना मिलकर काम करेंगे-आर्मी चीफ
नए सेना प्रमुख ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हम तीनों सेना मिलकर काम करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए चीजों को आगे बढ़ाएंगे. यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे भारतीय सेना का नेतृत्व दिया गया है. भारतीय सेना का एक गौरवशाली अतीत था जिसने राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखा. उसी तरह इसने राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया. भारतीय सेना के विभिन्न हथियारों और सेवाओं से सभी अधिकारियों को करियर और पेशेवर विकास के लिए समान अवसर मिलते हैं. वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर, सभी अधिकारी युद्ध के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षित और उन्मुख होते हैं. क्षमता विकास और बल आधुनिकीकरण के संदर्भ में, मेरा प्रयास स्वदेशीकरण और 'आत्मनिर्भर भारत' की प्रक्रिया के जरिए नई तकनीकों का लाभ उठाने की कोशिश होगी.
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Source: IOCL





















