अमित शाह ने कहा- ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने दुनिया के सामने सच को किया उजागर, महबूबा बोलीं- कश्मीरी पंडितों के दर्द को ‘हथियार’ बना रही सरकार
The Kashmir Files: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, गोवा और त्रिपुरा - सभी भाजपा शासित राज्यों के बाद उत्तराखंड फिल्म को कर मुक्त करने वाला आठवां राज्य बन गया.
Politics On The Kashmir Files: द कश्मीर फाइल्स को लेकर लगातार सियासत हो रही है. एक तरफ जहां सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा है कि दुनिया के सामने इस फिल्म के जरिए कश्मीर पंडितों के दर्द और संघर्ष को सामने लाया गया है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि घाटी से 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के जबरन पलायन पर आधारित बॉलीवुड फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" सच्चाई का एक निर्भीक निरूपण है. शाह ने साथ ही कहा कि ऐसी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति न हो, इस दिशा में यह फिल्म समाज व देश को जागरूक करने का काम करेगी. शाह की यह टिप्पणी तब आयी जब पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया केंद्र जिस ‘‘आक्रामक’’ तरीके से ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म का प्रचार कर रहा है और कश्मीरी पंडितों के दर्द को ‘‘हथियार’’ बना रहा है, उससे उसकी ‘गलत मंशा’ स्पष्ट हो जाती है.
विवेक अग्निहोत्री, अनुपम खेर और पल्लवी जोशी सहित फिल्म के निर्माताओं और अभिनेताओं ने दिल्ली में शाह से मुलाकात की. इसके बाद शाह ने यह भी कहा कि फिल्म दुनिया के सामने समुदाय के "असहनीय दर्द और संघर्ष" को सामने लाती है. दिलचस्प बात यह है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस शासित राज्य के सभी विधायकों को रायपुर के एक मॉल में फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया.
आठ राज्यों में टैक्स फ्री
इस बीच, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, गोवा और त्रिपुरा - सभी भाजपा शासित राज्यों के बाद उत्तराखंड फिल्म को कर मुक्त करने वाला आठवां राज्य बन गया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखने के लिए आधे दिन की छुट्टी दी जाएगी. वहीं, एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया कि इस फिल्म से सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा इसलिए इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. सरमा ने कहा कि भाजपा शासित राज्य असम में कोई मनोरंजन कर नहीं है, इसलिए छूट का सवाल ही नहीं उठता.
एक आधिकारिक पत्र के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सभी जिलों के डीसीपी को मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए कहा है ताकि फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखी जा सके. ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर टिप्पणियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आयी केरल में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि संघ परिवार की ताकतों ने इस मुद्दे पर उसके ट्वीट की ‘‘गलत व्याख्या की और उसका दुरुपयोग’’ किया.
गृह मंत्री शाह ने फिल्म की टीम के साथ अपनी तस्वीर भी ट्विटर पर पोस्ट की. उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘आज "द कश्मीर फाइल्स" की टीम के साथ भेंट की. अपने ही देश में अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों के बलिदान, असहनीय पीड़ा और संघर्ष की सच्चाई इस फिल्म के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने आई है, जो एक बहुत ही प्रशंसनीय प्रयास है.’’ शाह ने कहा कि "द कश्मीर फाइल्स" सत्य का एक निर्भीक निरूपण है। ऐसी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति न हो इस दिशा में यह समाज व देश को जागरूक करने का काम करेगी. ये फिल्म बनाने के लिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं. मैं इस फिल्म को बनाने के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं.’’
#TheKashmirFiles सत्य का एक निर्भीक निरूपण है।
— Amit Shah (@AmitShah) March 16, 2022
ऐसी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति न हो इस दिशा में यह समाज व देश को जागरूक करने का काम करेगी।
ये फिल्म बनाने के लिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूँ। @AnupamPKher @vivekagnihotri https://t.co/dMJgWjy4g5
बाद में, खेर ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने के लिए गृह मंत्री का आभार जताया. अग्निहोत्री ने शाह को उनके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया, ‘‘आपके प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अमित शाह जी. कश्मीरी लोगों और सुरक्षा बलों के मानवाधिकारों के लिए आपका निरंतर प्रयास सराहनीय है। शांतिपूर्ण और समृद्ध कश्मीर के लिए आपका दृष्टिकोण मानवता और भाईचारे को मजबूत करेगा.’’
महबूबा बोलीं- सरकार बना रही दर्द को हथियार
श्रीनगर में, महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पुराने घावों को भरने और दोनों समुदायों के बीच अनुकूल माहौल बनाने के बजाय केंद्र ‘‘जानबूझकर उन्हें अलग कर रहा है.’’ महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘जिस तरह भारत सरकार आक्रामक रूप से ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बढ़ावा दे रही है और कश्मीरी पंडितों के दर्द को हथियार बना रही है, इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है.’’
The manner in which GOI is aggressively promoting Kashmir Files & is weaponising pain of Kashmiri Pandits makes their ill intention obvious. Instead of healing old wounds & creating a conducive atmosphere between the two communities, they are deliberately tearing them apart.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 16, 2022
कांग्रेस के नेता और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि पार्टी की प्रदेश ईकाई ने कश्मीर पर जो ट्वीट किया था उसका मतलब यह कहना था कि घाटी में सभी तरह के अत्याचार खत्म होने चाहिए और धर्म या जाति के नाम पर इस मुद्दे से नहीं निपटना चाहिए. सतीशन ने संसद में कांग्रेस पर केरल की केरल इकाई के ट्विटर हैंडल के जरिये किये गए विवादास्पद ट्वीट को लेकर भाजपा द्वारा निशाना साधने को लेकर एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘‘लेकिन दिल्ली में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है. संघ परिवार की ताकतों ने इसकी गलत व्याख्या की.’’
छात्रों को निशाना बनाए जाने की आशंका
उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों के एक संघ ‘द जम्मू-कश्मीर स्टूडेंटस एसोसिएशन’ ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म दिखा रहे विभिन्न थियेटरों से ‘परेशान करने वाले वीडियो क्लिप’ सामने आ रहे हैं और आशंका जतायी कि इस कारण देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ाई कर रहे केन्द्र शासित प्रदेश के एक विशेष समुदाय के छात्रों को निशाना बनाया जा सकता है.
देहरादून में एक कॉलेज में पढाई कर रहे एसोसिएशन के प्रवक्ता नासिर खुएहामी ने एक बयान में कहा, ‘‘संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के छात्रों के खिलाफ अकारण घृणा, अपशब्द और पिटाई के प्रयास जैसी घटनाओं का दायित्व फिल्म के निर्देशक पर होगा.’’ उन्होंने कहा कि फिल्म के रिलीज होने के बाद सोशल मीडिया पर अविश्वास और फूट का माहौल बनाने का प्रयास हो रहा है जिसकी एसोसिएशन निंदा करता है.
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को भाजपा विधायकों की उस मांग को ठुकरा दिया जिसमें “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म को करमुक्त करने का आग्रह किया गया था. पवार ने कहा कि अगर केंद्र सरकार फिल्म पर जीएसटी में छूट देगी तो वह पूरे देश पर लागू होगा. विधानसभा में बजट पर हो रही चर्चा पर सवालों का जवाब देते हुए पवार ने कहा कि केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और राज्य जीएसटी 50-50 प्रतिशत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह फिल्म कश्मीर के मुद्दे पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में फिल्म के बारे में बोला है. अगर केंद्रीय जीएसटी में छूट दी जाए तो यह पूरे देश पर लागू होगा.’’ पवार के इस बयान से विपक्षी दल भाजपा के सदस्य आक्रोशित हो गए और उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया. छत्तीसगढ़ में फिल्म पर टैक्स ब्रेक की विपक्षी भाजपा की मांग के बीच मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र को फिल्म पर जीएसटी माफ करना चाहिए ताकि यह देश में कर मुक्त हो जाए.
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