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आपके चैनल के शो 'घंटी बजाओ' का असर, हाई कोर्ट ने गंदगी पर ABP की रिपोर्ट पर लिया संज्ञान
![आपके चैनल के शो 'घंटी बजाओ' का असर, हाई कोर्ट ने गंदगी पर ABP की रिपोर्ट पर लिया संज्ञान Abp News Impact Delhi Hc In Court Room Plays Ganti Bajaos Report On Garbage आपके चैनल के शो 'घंटी बजाओ' का असर, हाई कोर्ट ने गंदगी पर ABP की रिपोर्ट पर लिया संज्ञान](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/05/31134519/DELHI-HC.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: ABP न्यूज़ के कार्यक्रम 'घंटी बजाओ' का बड़ा असर हुआ है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में गंदगी पर ABP न्यूज की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है. खुद दिल्ली हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ने एबीपी न्यूज की रिपोर्ट कोर्ट रूम में वकीलों और अधिकारियों को दिखाई. हाईकोर्ट ने ABP न्यूज की रिपोर्ट दिखाने के बाद दिल्ली में तीनों नगर निगम के अधिकारियों से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या ऐसे साफ होगी दिल्ली?
हाईकोर्ट ने नगर निगमों को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कोर्ट को झूठे हलफनामे देकर गुमराह कर रहे हैं. ABP न्यूज़ की ये रिपोर्ट आपके झूठ को दिखा रही है. हाइकोर्ट ने कहा कि अब हमें आपकी रिपोर्ट और हलफनामे पर भरोसा नहीं है. क्या अब हम इन न्यूज़ रिपोर्टर से कहें कि आप ही सच्चाई हमें बताएं?
क्योें ABP न्यूज़ की रिपोर्ट ताकत कहां से मिलती है?
ABP न्यूज़ की हर वक़्त यही कोशिश होती है कि देश और समाज की जो सूरत है वो बदलनी चाहिए. वक़्त और जरूरत के हिसाब से उसमें अच्छी चीज़ें जुडनी चाहिए. इस कोशिश के तहत आपके चैनल का शो 'घंटी बजाओ' व्यवस्था पर कुंडी मारे बैठे अधिकारियों, राजनेताओं और समाज की घंटी बजाता रहता है, इसका खासा असर भी देखा गया है. ताजा मिसाल दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली की गंदी पर ABP न्यूज़ की रिपोर्ट का दिखाया जाना है... लेकिन इसकी असल ताकत आप दर्शक हैं जो न सिर्फ इस शो को देखते हैं बल्कि घंटी बजाओ के नंबर पर मिस कॉल करके अपना समर्थन भी जताते हैं. और आपका यही समर्थन हमें व्यवस्था से लड़ने की ताकत देता है.
अपनी रिपोर्ट में ABP न्यूज़ ने क्या दिखाया था?
देश की राजधानी दिल्ली में रोज करीब 10,000 टन कूड़ा निकलता है. लेकिन सिस्टम की कचरा नीति के कारण 50 फीसदी कूड़ा ही बड़े कचरा घरों तक पहुंच पाता है. बाकी का हजारों टन कूड़ा दिल्ली के नाली, नालों और सड़क पर ही फैला रह जाता है. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि दिल्ली में इस कूड़े का जिम्मेदार कौन है?
दिल्ली में सफाई की जिम्मेदारी किसकी है ?
देश की राजधानी दिल्ली में करीब 17 सरकारी एजेंसियां है, जिनके ऊपर सफाई का जिम्मा है. इनमें सबसे प्रमुख एमसीडी है, जिस पर बीजेपी का दस साल से शासन है और अगले पांच साल के लिए और शासन रहेगा.
दिल्ली में MCD करीब 98% हिस्से की साफ सफाई का जिम्मा उठाती है. लेकिन उस बीजेपी शासित एमसीडी के करीब 60 हजार कर्मचारी तो खुद ही बेहाल हैं. वो सफाई कहां से करेंगे.
पैसों पर आकर टिक जाता है सारा विवाद
2012-13 में दिल्ली सरकार का बजट 36 हजार करोड़ था. तब दिल्ली नगर निगम के लिए 3128 करोड़ यानि दस फीसदी के आसपास पैसा दिया गया. साल 2015-16 में दिल्ली सरकार का बजट 41 हजार 129 करोड़ हो चुका है. लेकिन एमसीडी को 2457 करोड़ दिए गए.
दिल्ली सरकार का बजट अब तक छह फीसदी बढ़ चुका है. लेकिन एमसीडी का बजट नहीं बढ़ा. सारा विवाद पैसों पर आकर टिक जाता है. एमसीडी के बजट से सफाई कर्मचारियों का सालाना वेतन करीब 62 करोड़ रुपए जाता है.
बीजेपी शासित एमसीडी का कहना है कि दिल्ली सरकार पैसा रोक कर रखती है. इसलिए कर्मचारियों को पैसा नहीं दे पाते, और सफाई कर्मचारी हड़ताल करते हैं. केजरीवाल सरकार कहती है कि बीजेपी शासित एमसीडी में भ्रष्टाचार होता है, इसलिए कूड़ा दिल्ली का हो जाता है और ये हालत तब है जबकि देश में स्वच्छ भारत अभियान के तहत ही बजट 19 हजार करोड़ से ज्यादा है.
दिल्ली का कूड़ा पक्ष विपक्ष की राजनीति में, बजट में और संसाधनों की सियासत में उलझा हुआ है. एबीपी न्यूज़ की इसी रिपोर्ट का दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई है और उनसे जवाब मांगा है.
वीडियो में देखें पूरी रिपोर्ट
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![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)