Missing Monuments: देश से 'गायब' हो गए 50 स्मारक, कैसे हुए लापता और इसके बाद क्या? विस्तार से समझिए
Protected Monuments: स्मारकों का रखरखाव करने वाली एएसआई ने बताया है कि आजादी के बाद से देश भर में सभी स्थलों को लेकर कोई व्यापक सर्वे नहीं किया गया है.
Protected Monuments Missing: देश भर में ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के स्मारकों को सरकार संरक्षित करती है. इस समय में 3693 स्मारक ऐसे हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने संरक्षित किया है. इनमें से 50 स्मारक गायब हो चुके हैं. ये जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने संसद को दी है. यातायात, पर्यटन और संस्कृति मामले पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेश की गई रिपोर्ट में ये कहा गया है. आखिर कोई स्मारक कैसे गायब हो सकता है, इसका क्या मतलब है और गायब होने के बाद अब आगे क्या होगा? आइए समझते हैं.
राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम (AMASR Act) बनाया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) इसी एक्ट के तहत काम करता है. इस एक्ट के तहत 100 साल से पुराने स्थलों जैसे मंदिर, अभिलेख, मकबरे, समाधि, किले, महल, पत्थर काटकर बनाई गईं गुफाएं आदि जो भी ऐतिहासिक महत्व रखने वाले स्मारक हैं, उनका रखरखाव किया जाता है. एक्ट के मुताबिक एएसआई के अधिकारियों पर नियमित तौर पर इन स्मारक स्थलों का निरीक्षण करके इनकी स्थिति को देखते हुए इनके रख-रखाव का जिम्मा होता है.
आखिर स्मारक कैसे गायब होता है?
1861 में ASI के गठन के बाद से अब तक बड़ी संख्या में स्मारकों को संरक्षित श्रेणी में रखा गया है. हालांकि आजादी के बाद देश की सरकारों का ध्यान स्मारकों के संरक्षण के बजाय स्वास्थ्य, शिक्षा और ढांचा निर्माण पर अधिक रहा. एएसआई के अधिकारियों के मुताबिक बहुत सारे स्मारक और स्थल तेजी से होते शहरीकरण, बांधों के निर्माण और कई बार अतिक्रमण के चलते गायब हो गए.
एएसआई ने संसद को बताया है कि 14 स्मारक शहरीकरण के चलते गायब हुए, 12 बांध और जलाशयों में विलुप्त हो गए, वहीं 24 का पता नहीं चल पा रहा है.
केवल 248 स्थलों पर गार्ड तैनात
एएसआई ने यह भी बताया कि उसके पास रख-रखाव के लिए लोगों की बहुत कमी है. रिपोर्ट के मुताबिक बजट की कमी के चलते इस समय 3693 संरक्षित स्थलों में से केवल 248 स्थलों पर सुरक्षा गार्ड तैनात हैं. इन 248 स्थलों पर 2578 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
क्या पहली बार स्मारक गायब हुए हैं?
एएसआई ने बताया है कि आजादी के बाद से देश भर में सभी स्थलों को लेकर कोई व्यापक सर्वे नहीं किया गया है. हालांकि 2013 में कैग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कम से केंद्र से संरक्षित कम से 92 स्थल गायब हैं. कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एएसआई के पास ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं है, जिसमें यह बताया गया हो कि इसके अधीन कितने स्मारक संरक्षण के लिए हैं. इसमें किसी योग्य अधिकारी द्वारा स्थलों का सर्वे किए जाने की संस्तुति की गई थी लेकिन उस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ.
कौन से स्थल हुए गायब
रिपोर्ट में कहा गया है कि एएसआई के प्रयासों से कैग की रिपोर्ट में लापता बताए गए 92 स्थलों में से 42 को ढूंढ लिया गया है. बाकी बचे 50 में से 26 के साथ क्या हुआ इस बारे में जानकारी मिल गई है, जबकि 24 के बारे में पता नहीं चला है.
जिन स्थलों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है, उनमें 11 उत्तर प्रदेश, दो-दो दिल्ली और हरियाणा में हैं. इसके अलावा असम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड से भी स्थल लापता हैं.
होगी एक आखिरी कोशिश
एएसआई ने कहा है जो स्मारक शहरीकरण और बांध में गायब हुए हैं, उन्हें अब 'खो चुका' समझा जाए. बाकी बचे 24 को खोजने का एक आखिरी प्रयास किया जाएगा. अगर इनमें से कोई मिलता है तो इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. हालांकि गायब हो चुके स्मारकों को लिस्ट से बाहर निकालना इतना आसान नहीं होगा. इसके लिए AMASR एक्ट के के सेक्शन 35 के तहत इन्हें डीनोटिफाई करना होगा, जो एक लंबी प्रक्रिया है.
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