इराक में मेरी आंखों के सामने हुई थी भारतीयों की हत्या: हरजीत मसीह
हरजीत मसीह ने कहा, ‘‘ मैं खुशकिस्मत था कि बच गया हालांकि एक गोली मेरी जांघ पर लगी और मैं बेहोश हो गया.’’

चंडीगढ़: इराक में 39 भारतीयों के साथ अगवा किए जाने के बाद जून 2014 में आईएस के चंगुल से भागने में कामयाब रहने वाले इकलौते व्यक्ति हरजीत मसीह ने आज कहा कि वह पिछले तीन साल से कह रहे थे कि सभी अन्य लोग मारे जा चुके हैं. मसीह ने आज कहा, ‘‘ मैं पिछले तीन वर्षों से कहता रहा हूं कि आईएस के आतंकवादियों ने सभी 39 भारतीयों की हत्या कर दी है.’’
पंजाब में गुरदासपुर जिले के काला अफगाना गांव के निवासी मसीह ने कहा, ‘‘ मैंने सच बोला था.’’ मसीह उन 40 भारतीय कामगारों में शामिल था जिन्हें आतंकवादी संगठन आईएस ने अगवा किया था. मसीह ने कहा कि उन्हें मेरी आंखों के सामने मार दिया गया और मैं इतने सालों से यह कहता रहा हूं. मुझे हैरानी होती है कि मैंने जो कहा था सरकार ने उसे माना क्यों नहीं.
I told the truth that 39 Indians were killed. The government has misled the 39 families who lost their relatives: Harjit Masih, man who returned from Mosul earlier, claimed that 39 Indians were killed by ISIS there. pic.twitter.com/Fvz74egOCz
— ANI (@ANI) March 20, 2018
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा को सूचित किया कि करीब तीन साल पहले इराक में आईएस द्वारा अगवा किए गए सभी 39 भारतीय कामगार मारे जा चुके हैं. उनके शवों को बरामद कर लिया गया है. इसके बाद मसीह का यह बयान आया है.
एक दिन उन्हें घुटने के बल बिठाया और गोलियां चला दी
घटना की जानकारी देते हुए मसीह ने कहा कि भारतीय लोग साल 2014 में इराक में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन हमें आतंकवादियों ने अगवा कर लिया और कुछ दिनों तक बंधक बनाकर रखा.’’ एक दिन उन्हें घुटने के बल बिठाया गया और आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दी. मसीह ने कहा, ‘‘ मैं खुशकिस्मत था कि बच गया हालांकि एक गोली मेरी जांघ पर लगी और मैं बेहोश हो गया.’’
वह घायल अवस्था में आईएस के आतंकवादियों को किसी तरह चकमा देकर भारत लौटने में सफल रहा. नौकरी की तलाश में इराक गए 39 भारतीय साल 2014 से लापता थे. इनमें से कई पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और जालंधर के रहने वाले थे.
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