Surya Grahan 2020: जानिए- सूर्यग्रहण के दौरान किन-किन मंदिरों के खुले रहेंगे कपाट?
सूर्य ग्रहण के समय देश के अधिकांश मंदिर के कपाट रहते हैं बंद, लेकिन कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां के कपाट नहीं बंद किये जाते हैं. यहां जाने विस्तार से...
Surya Grahan 2020: सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से ही सूतक की शुरुआत होती है. इस समय देश में अधिकांश मंदिरों के कपाट भी बंद कर उसमें होने वाले पूजा-पाठ भी रोक दिए जाते हैं. लेकिन देश में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां के ना तो कपाट बंद किये जाते और नहीं पूजा – पाठ. आइये यहां इस तथ्य को जानें कि आखिर ऐसा क्या है इस मंदिर में, जिसमें यहां होने वाले पूजापाठ नित्य की तरह चलते रहते हैं और ये मंदिर कौन – कौन से हैं? तथा कहाँ स्थिति हैं?
दक्षिणी भारत के आंध्रप्रदेश का मशहूर कालहस्ती या कालहटेश्वर मंदिर
सूर्यग्रहण के समय जब अधिकांश मंदिरों के कपाट बंद कर पूजा-पाठ और दर्शन पर रोक लगा दी जाती है तब दक्षिणी भारत के आंध्रप्रदेश के कालाष्ठी में बना यह कालहस्ती या कालहटेश्वर मंदिर न तो बंद ही किया जाता है और न ही इसमें पूजा-पाठ पर किसी प्रकार का रोक लगाया जाता है.
लोगों का मानना है कि ऐसे लोग जो कालसर्प दोष से पीड़ित होते हैं वे इसी ग्रहण के समय इस मंदिर में आते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. इस मंदिर में राहु-केतु की पूजा के साथ ही साथ कालसर्प की भी पूजा होती है. राहु-केतु की पूजा के बाद लोग भगवान शिव और देवी ज्ञानप्रसूनअंबा की भी पूजा-अर्चना करते हैं.
उज्जैन का महाकाल मंदिर-
सूर्यग्रहण के समय उज्जैन के महाकाल मंदिर के कपाट भी नहीं बंद किये जाते है. लेकिन ग्रहण के समय न तो कोई शिवलिंग को स्पर्श कर सकता है और न ही इस समय पूजा-पाठ और भोग लगाया जाता है. ऐसा इसलिए होता है कि ऐसी मान्यत्ता है कि ग्रहण के समय केवल वैष्णव मंदिरों के कपाट बंद किये जाते हैं जबकि शैव मंदिरों के कपाट खुले रहते हैं.
सूर्यग्रहण का समय और सूतक काल
21 जून 2020 को लगने जा रहे सूर्यग्रहण के बारे में जहाँ यह कहा जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा वहीँ इसको इस साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण भी माना जा रहा है. यह सूर्यग्रहण शुरू होगा सुबह 09 बजकर 15 मिनट और 58 सेकंड से और ख़त्म होगा 02 बजकर 58 मिनट पर. वहीँ सूर्यग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही सूतक शुरू हो जाता है जो कि ग्रहण के ख़त्म होने के साथ ही साथ ख़त्म होता है. सूतक शुरू होते ही सभी प्रकार के शुभ कार्यों को बंद कर दिया जाता है.