Rama Ekadashi 2021: कार्तिक मास में कब हैं रमा एकादशी का व्रत, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त और पारण का समय
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. रमा एकादशी को चातुर्मास की अंतिम एकादशी भी कहा जाता है. आइए जानते हैं इस इस एकादशी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा की विधि.
Rama Ekadashi 2021 Significance Date Time And Vrat Puja: 01 नवंबर 2021 को एकादशी का व्रत है. पंचांग के अनुसार इस दिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी है. इस एकादश की तिथि को ही रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. रमा एकादशी को चातुर्मास की अंतिम एकादशी भी कहा जाता है. आइए जानते हैं इस इस एकादशी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा की विधि.
लक्ष्मी जी के नाम पर है इस एकादशी का नाम
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को रमा एकादशी इसलिए कहा जाता है क्योंकि धन की देवी लक्ष्मी जी का नाम भी रमा है. इसलिए इसे रमा एकादशी कहा जाता है.
रमा एकादशी पर विष्णु जी और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है
रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी को समर्पित है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और सभी प्रकार के दुख और पाप नष्ट होते हैं. इन विधि पूर्वक पूजा करने से धन से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती हैं. कर्ज आदि की समस्या को दूर करने के लिए रमा एकादशी का व्रत ही बहुत ही पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है.
रमा एकादशी - पूजा विधि
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन लक्ष्मी जी के रमा स्वरूप के साथ भगवान विष्णु के पूर्णावतार केशव स्वरुप की पूजा करना शुभ माना गया है. चातुर्मास की अंतिम एकादशी तिथि होने के कारण इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए. पूजा में धूप, तुलसी के पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल और फल का प्रयोग करना चाहिए. व्रत का संकल्प लेने के बाद इस दिन भगवान विष्णु का पीले वस्त्र और फूलों से श्रृंगार करना चाहिए. रमा एकादशी व्रत का पारण द्वादशी की तिथि पर किया जाएगा. इस दिन व्रत की कथा का पाठ करना शुभ फलदायी माना गया है.
रमा एकादशी पूजा मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर 2021 को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट पर.
एकादशी तिथि समाप्त: 01 नवम्बर 2021 को दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर.
एकादशी व्रत पारण तिथि: 02 नवंबर 2021 को प्रात: 06 बजकर 34 मिनट से प्रात: 08 मिनट 46 तक.
चातुर्मास कब समाप्त होगा
चातुर्मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. पंचांग के अनुसार चातुर्मास 14 नवंबर 2021 को समाप्त हो रहा है.