Apara Ekadashi 2021 Date: कब है अपरा एकादशी व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत पूजा विधि और महत्व
Apara Ekadashi 2021: हिंदू व्रतों में एकादशी व्रत का खास महत्त्व है. ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहते है. इस बार अपरा एकादशी व्रत 6 जून 2021 को रखा जाएगा. आइये जानें शुभ मुहूर्त, व्रत की पूजा विधि और महत्त्व.
Apara Ekadashi 2021: ज्येष्ठ मास 27 मई 2021 से शुरू हो गया है. हिंदी पंचांग के मुताबिक़, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 6 जून को पड़ रही है. इस एकादशी को अपरा एकादशी या अचला एकादशी कहते हैं. इस एकादशी में भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत व पूजन करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अपरा एकादशी 202: तिथि और शुभ मुहूर्त
- अपरा एकादशी तिथि प्रारंभ- 05 जून 2021 को 04 बजकर 07 मिनट
- अपरा एकादशी तिथि समाप्त- जून 06, 2021 को सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक
- अपरा एकादशी व्रत पारण मुहूर्त- 07 जून 2021 को सुबह 05 बजकर 12 से सुबह 07:59 तक
व्रत पूजा विधि: अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें. उसके बाद नित्यकर्म और स्नानादि करके घर के पूजा स्थल पर बैठकर भगवान विष्णु की मूर्ति पूजा चौकी पर स्थापित करें. उसके बाद उनकी पूजा करें तथा भगवान विष्णु को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल अर्पित करें. अब व्रत का संकल्प लें. फिर धूप-दीप जलाकर भगवान की आरती करें. अब पूरा दिन फलाहार व्रत रहें. शाम को फिर से भगवान की आरती करें और फलाहार करें. अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें. किसी गरीब और जरूरत मंद ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा-शक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें. उसके बाद खुद भी भोजन करें.
अपरा एकादशी का महत्त्व: महाभारत काल में युधिष्ठिर के आग्रह करने पर श्रीकृष्ण भगवान ने अपरा एकादशी व्रत के महत्त्व के बारे में पांडवों को बताया था. व्रत का पालन करते हुए पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीता था. मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत रखने से अपार धन की प्राप्ति होती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत व पूजन करने से व्यक्ति के पापों का अंत होता है. भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. अपरा एकादशी के व्रत के प्रभाव से ब्रह्म हत्या, भूत योनि, दूसरे की निंदा,परस्त्रीगमन, झूठी गवाही देना, झूठ बोलना, झूठे शास्त्र पढ़ना या बनाना, झूठा ज्योतिषी बनना तथा झूठा वैद्य बनना आदि सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
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