सूरह मुल्क का शाब्दिक अर्थ है
सूरह मूल्क को कब्र की अजाब से सुरक्षा पाने की कुंजी क्यों कहा गया है? जानें इसका रहस्य!
Surah Mulk: सूरह मुल्क कुरान का 67वां अध्याय है, यह सूरह मक्का में नाजिल हुई थी और यह पैगंबर मुहम्मद पर उतरी थी. एक हदीस में बताया गया है कि, सूरह मुल्क पढ़ने से कब्र की अजाब से निजात मिलती है.

Surah Mulk: इस्लाम धर्म में कुरान का अहम महत्व है. कुरान का 67वां अध्याय सूरह मुल्क जिसमें 30 आयतें हैं और यह मक्का में नाजिल (अवतरित) हुई थी. बात करें सूरह मुल्क के शाब्दिक अर्थ कि, संप्रुभता या राज्य जो अल्लाह की महानता और कयनात पर उसके पूर्ण नियंत्रण की ओर इशारा करता है.
सूरह मुल्क को अल-मनियाह यानी रक्षा प्रदान करने वाला भी कहा जाता है. विश्वास है कि, यह कब्र के अजाब (पीड़ा) से बचाती है.
कब्र की पीड़ा या यातना से सुरक्षा पाने की कुंजी सूरह मुल्क है.
कब्र की अजाब से बचाने वाली आयतें
सूरह मुल्क को कब्र की अजाब यानी कब्र में दी जाने वाली पीड़ा और यातना से सुरक्षा पाने की कुंजी इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसे कब्र में आने वाले फरिश्तों मुनकर और नकीर के सवालों से बचाने वाली शक्ति के रूप में देखा जाता है.
कुरान में वर्णित यह सूरह मध्यस्थ के रूप में काम करती है, जो उस इंसान का बचाव करती है, जो कब्र में अकेला होता है, जिसे अजाब से सुरक्षा दी जा सकें. हदीस के मुताबिक, जो भी इंसान इस आयत को हर रात पढ़ता है, अल्लाह उसे कब्र में दी जाने वाली यातानाओं से बचाते हैं.
- जब मरने के बाद व्यक्ति कब्र में अकेला होता है, तब मुनकर और नकीर फरिश्ते व्यक्ति से कुछ सवाल पूछते हैं. तब सूरह मुल्क ही एकमात्र उसकी रक्षा करते हैं.
- एक हदीस के मुताबिक, यह सूरह अल्लाह की रहमत पाने के साथ कब्र में दी जाने वाली यातानाओं से बचाती है.
- यह सूरह व्यक्ति को विवाद की स्थिति से दूर रखती है और यातनाओं से बचाव के लिए अल्लाह से गुहार लगाती है.
- यह सूरह अल्लाह पर भरोसा रखने और विश्वास दिलाने में मदद करती है कि, अल्लाह का नाम लेने से और नेक काम करने से कब्र के अजाब से बच सकता है.
- सूरह मुल्क का नियमित रूप से पाठ करने पर व्यक्ति का ईमान मजबूत होता है, क्योंकि उसे हर समय अल्लाह राह दिखाते हैं.
- हदीस के मुताबिक, पैंगबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम) प्रत्येक रात को सोने से पहले सूरह मुल्क पढ़ते थे और उन्होंने इसे पढ़ने के लिए प्रेरित भी किया था.
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Frequently Asked Questions
सूरह मुल्क का क्या मतलब है?
सूरह मुल्क को 'अल-मनियाह' क्यों कहा जाता है?
सूरह मुल्क को 'अल-मनियाह' यानि 'रक्षा करने वाली' भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह कब्र के अजाब से बचाती है।
सूरह मुल्क कब्र के अजाब से कैसे बचाती है?
सूरह मुल्क को कब्र में आने वाले फरिश्तों मुनकर और नकीर के सवालों से बचाने वाली शक्ति के रूप में देखा जाता है। यह पाठक का बचाव करती है।
क्या सूरह मुल्क का पाठ करने से ईमान मजबूत होता है?
हाँ, सूरह मुल्क का नियमित पाठ ईमान को मजबूत करता है। यह अल्लाह के नियंत्रण और उसकी योजना की याद दिलाता है।
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