सफलता की कुंजी: कामयाबी के लिए जरूरी है सतत अनुशासन, नियमों का पालन करना बढ़ाता है आत्मविश्वास
Safalata Ki Kunji: सफलता आत्मविश्वास से आती है. अनुशासन से आत्मविश्वास बढ़ता है. अनुशासन निरंतरता और नियंत्रण का द्योतक है.
विषय और क्षेत्र कोई हो, व्यक्ति तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक आत्मविश्वास जागृत न हो. आत्मविश्वास व्यक्ति में निर्णय क्षमता बढ़ाता है. सही समय पर सही प्रयास मनोबल से ही संभव है. विश्वास मनोबल की रीढ़ है. अनुशासन विश्वास के मूल में है. अनिश्चितता अनियमितता और असंतुलन से सफलता असंभव है. अनुशासन इन पर नियंत्रण रखता है. व्यक्ति प्रतिदिन प्रकृति, प्रशासन और समाज के नियमों का अनुशासन बनाए रखता है तो वह सभी के लिए अनुकरणीय और आदर्श हो जाता है.
चौराहे पर लालबत्ती का अनुशासन जीवन जीने की सीख भी देता है कि जब उचित अवसर न हो तो आगे बढ़ने बचना चाहिए. अनुशासन शिक्षा में सर्वाधिक सहायक है. प्रतिस्पर्धा में सफलता बगैर अनुशासन लगभग असंभव है. अनुशासन व्यवस्था का आधार है. हम विश्वास से उठा प्रत्येक कदम अनुशासन से मजबूत होता है.
सुबह उगने वाला सूर्य शाम को पूरे अनुशासन के साथ पुनः ढल जाता है. अगले दिन तय समय पर फिर से उग आता है. यह प्रकृति का अनुशासन है. दफ्तर में कार्य करने वालों और कारोबारियों के लिए समय पर कार्यस्थल आना अनुशासन है. इसमें चूक से आत्मविश्वास प्रभावित होने लगता है.
व्यवसायी यदि समय पर कार्यालय पहुंचने के लिए स्वयं को निश्चित नहीं कर सकता है तो उससे कैसे अपेक्षा रखी जा सकती है कि वह कार्य व्यापार के अन्य स्वरूपों में भी प्रतिबद्ध और संकल्पित होता होगा. अनुशासन व्यक्तित्व की प्रतिदिन जुड़ने वाली ईंट है. इस पर ही सफलता की संपूर्ण इमारत बुलंद हो सकती है.
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