आज महाशिवरात्रि के दिन जरूर करें पंचाक्षर स्तोत्र, हर असंभव काम भी हो जाएगा संभव
आज महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज जी के दिन भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इतना ही नहीं, आज के दिन भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे.

आज देशभर में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज ही के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) ने मां पार्वती (Maa Parvati) को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इतना ही नहीं, आज के दिन भगवान शिव शिवलिंग (Shivling) के रूप में प्रकट हुए थे. इस दिन की गई पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. कहते हैं सच्चे मन और श्रद्धा से की गई पूजा से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने से हर असंभव काम संभव हो जाता है. पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ की महिमा भक्तों में खूब प्रचलित है. ये बहुत ही सरल और प्रभावी मंत्र है. कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से भक्तों का कल्याण होता है. शिव जी के पंचाक्षर मंत्र जाप से पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश और वायु पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पंचाक्षर का हर अक्षर बहुत शक्तिशाली है. बता दें कि इसमें पंचानन यानी पांच मुख वाले महादेव की सभी शक्तियां समाहित हैं. पंचाक्षर स्तोत्र की शुरुआत महाशिवरात्रि के दिन से करना उत्तम होता है. इसके जाप से हर असंभव काम संभव हो जाता है.
ये है पंचाक्षर स्तोत्र (Panchakshar Stotra)
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय, नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै ‘न’ काराय नम: शिवाय.
मन्दाकिनी सलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय, मन्दारपुष्पबहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै ‘म’ काराय नम: शिवाय.
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय, श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै ‘शि’ काराय नम: शिवाय.
वशिष्ठकुम्भोद्भव गौतमार्य मुनीन्द्रदेवार्चित शेखराय, चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय तस्मै ‘व’ काराय नम: शिवाय.
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय, दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै ‘य’ काराय नम: शिवाय.
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत् शिव सन्निधौ, शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते.
पंचाक्षर स्तोत्र की महिमा
धार्मिक मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक और सच्चे मन से इसका पाठ करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. इसके जाप से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और हर भय दूर होता है. इतना ही नहीं, इससे अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है. इसके जाप से काल सर्प दोष का प्रभाव भी दूर होता है. मान्यता है कि शिव के पंचाक्षर स्तोत्र के पाठ के समय कपूर और इत्र का इस्तेमाल अवश्य करें.
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