छठ पूजा का दूसरा दिन खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रती गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनाते हैं।
Chhath Puja 2025 Surya Dev Aarti: जाने खरना के बाद सूर्य देव की आरती का महत्व, मिलेगा मनवांछित फल, तुरंत सुनें!
Chhath Puja 2025 Surya Dev Aarti: छठ पूजा की शुरुआत कल से हो चुकी है, जिसका आज दूसरा दिन खरना है. आज शाम के समय खीर और रोटी का प्रसाद सूर्य देव को अर्पित करते समय यह आरती पढ़ने से असीम कृपा होती है.

Chhath Puja 2025 Surya Dev Aarti: छठ पूजा महापर्व का शुभारंभ 25 अक्टूबर हो चुका है. जिसका आज दूसरा दिन है, जिसे खरना के नाम से जाना जाता है. कल से सूर्य देवता को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी. जिसमें व्रती डूबते और उगते सूरज को अर्घ्य देते हैं. आज रात को खरना के प्रसाद ग्रहण करने के बाद से व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा.
खरना के समय क्यों पढ़े सूर्य देव की आरती?
खरना के दौरान व्रती को शारीरिक और मानसिक रूप से पवित्र रहना चाहिए. खरना में गुड़ की खीर और रोटी बनाने की परंपरा है. इस प्रसाद को सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है. इसके बाद प्रसाद ग्रहण करके व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं.
आज खरना की पूजा के समय व्रती सूर्य देव की पूजा करती हैं और दोनों दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त भी सूर्य देव की आरती का बड़ा महत्व है. पूजा के समापन में सूर्य देव की आरती करने से पूजा की कमियां दूर होती है और सूर्य देव की असीम कृपा भी प्राप्त होती है. आइए पढ़ते और सुनते है सूर्य देव की आरती.
पढ़े सूर्य देव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, स्वामी जय सूर्य भगवान।
सब जगत में प्रकाश विराजे, तुम ही हो भगवान॥
ॐ जय सूर्य भगवान...॥
रथ सप्तश्वरों का तू रथी, हाथ में है किरणें प्यारी।
लोक त्रय तपाएं तुम्हीं, जीवन दाता न्यारी॥
ॐ जय सूर्य भगवान...॥
सप्त रंग की किरणें लेकर, दिन का करते हो सिंगार।
रोग शोक को दूर भगाते, तुमसे उज्जवल संसार॥
ॐ जय सूर्य भगवान...॥
अंधकार मिटाते जग का, ज्ञान का देते उपहार।
सकल चराचर तुमसे जगता, करते सबका उद्धार॥
ॐ जय सूर्य भगवान...॥
प्रभु भक्तों की सुनो पुकार, कर दो जन हितकार।
आरती जो जन गावे, मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय सूर्य भगवान...॥
पारंपरिक उपसंहार-
आरती के बाद तीन बार जल अर्पित करें और प्रार्थना करें —
“ॐ घृणि: सूर्याय नमः”
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Frequently Asked Questions
छठ पूजा का दूसरा दिन किस नाम से जाना जाता है?
खरना के समय सूर्य देव की आरती क्यों पढ़ी जाती है?
खरना के समय सूर्य देव की आरती पढ़ने से पूजा की कमियां दूर होती हैं और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रती को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध रखने में मदद करता है।
खरना के बाद व्रती कितने घंटे का उपवास रखती हैं?
खरना के प्रसाद ग्रहण करने के बाद से व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं।
छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य कब दिया जाता है?
छठ पूजा में व्रती डूबते और उगते सूरज को अर्घ्य देते हैं। यह परंपरा सूर्य देवता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए निभाई जाती है।
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