सफलता की कुंजी: जीवन में सफल होना है तो इन गुणों को विकसित करें
Motivational Thoughts In Hindi: सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति को सदैव उन आदतों से दूर रहना चाहिए जो उसकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव डालें. आइए जानते हैं आज की सफलता की कुंजी.
Safalta Ki Kunji: गीता का उपदेश, चाणक्य नीति या फिर धर्म ग्रंथ सभी मनुष्य को श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रेरित करते हैं. मनुष्य अपने आचरण और संस्कारों से श्रेष्ठ बनता है. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति पद और धन से बड़ा नहीं होता है, व्यक्ति अपनी अच्छी आदतों से बड़ा बनता है. मनुष्य को उन आदतों से हमेशा दूर रहने का प्रयास करना चाहिए जो छवि और आचरण को प्रभावित करती हों. गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य को सदैव उच्च आचरण को अपनाने का संदेश दिया है. क्योंकि व्यक्ति का आचरण और उसके द्वारा किए गए कार्य ही लोगों की मन मस्तिष्क में वर्षों वर्ष जीवित रहते हैं.
धन को अधिक वरियता न दें धन को अधिक वरियता देने वाले जीवन भर परेशान रहते हैं. धन को साधन के रूप में प्रयोग करना चाहिए. धन को लेकर जो लोग अधिक आशक्त रहते हैं और हर समय धन का गुणगान करते रहते हैं, ऐसे लोग मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं, ये धन के पीछे व्याकुल रहते हैं जिस कारण वे अपने आसपास की चीजों में मौजूद आनंद का लाभ ही नहीं उठा पाते हैं.
छोटी-छोटी चीजों में छिपी हैं खुशियां, इनका आनंद उठाएं चाणक्य के अनुसार हर समय कुछ बड़ा पाना की लालसा कई बार व्यक्ति को छोटी चीजों में छिपी खुशियों से दूर कर देती है. लक्ष्मी के पीछे भागने से लक्ष्मी प्राप्त नहीं होती है, इसलिए व्यर्थ तनाव और जिंदगी को कष्ट में डालने की कोई आवश्यकता नहीं है. धन प्राप्त करने की बजाए धन के संचय और उचित निवेश के बारे में सोचना चाहिए. ताकि धन का प्रयोग बुरे समय में किया जा सके. धन का यही प्रयोग है. जीवन का असली आनंद भोग विलास और सुख सुविधाओं को हासिल करने में नहीं है. जीवन का असली आनंद तो अपनों के बीच है, प्रकृति के नजदीक है,इसे महसूस करने की कोशिश करनी चाहिए.
सफल कौन है? जीवन में सफल वही व्यक्ति है जिसके पास अच्छे मित्र, रिश्तेदार और सहयोगी हैं. धन और प्रतिष्ठा को ही सफलता का पैमाना नहीं मानना चाहिए. जिसका चित्त शांत है. तनाव से रहित है, पाप से मुक्त है और प्रकृति, धर्म के नजदीक है वही व्यक्ति असलियत में सफल है.
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