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अजमेर: पुष्कर में मौजूद है नीलकंठ महादेव का आकाशीय मार्ग से प्रकट हुआ मंदिर, ऐसा कुंड जहां का पानी कभी नहीं होता खत्म
अजमेर के पुष्कर में स्थित नीलकंठ महादेव के मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष मेले का आयोजन किया जाता है. यहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और भोलेनाथ के दर्शन करते हैं. कहते हैं कि इस मंदिर में जो आता है उसकी सभी मनोकमाना पूर्ण होती हैं. इसके अलावा इस मंदिर में ऐसा कुंड है जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता है.

आज महाशिवरात्रि है. शिवरात्रि के दिन पुष्कर में स्थित नीलकंठ महादेव के मंदिर में विशेष मेले का आयोजन होता है. ये मेला मंदिर में तीन दिन तक लगाया जाता है. बताया जाता है कि इस मंदिर में पांडवों ने निवास किया था. इसके अलावा मंदिर में एक ऐसा खास कुंड मौजूद है जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता है. जहां पर 24 घंटे सात दिन जल का निरंतर प्रवाह रहता है.
अजमेर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है मंदिर
नीलकंठ महादेव का मंदिर अजमेर जिले के पुष्कर कस्बे में मौजूद है. जो कि अजमेर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है. प्रकृति के बीच मौजूद नीलकंठ महादेव के मंदिर में हर साल शिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के उद्देश्य से आते हैं. मंदिर के महंत गंगा गिरी हैं, जो कि महानिर्वाणी जूना अखाड़े के महंत हैं. महंत गंगा गिरी का कहना है पुष्कर के नीलकंठ महादेव मंदिर की मान्यता भक्तों में बहुत ज्यादा है.
कोरोना संक्रमण की वजह से किए गए हैं खास इंतजाम
यहां हर साल शिवरात्रि के मौके पर मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार कोरोना महामारी के कारण मंदिर में विशेष इंतजाम किए गए हैं. दो गज की दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. महंत गंगा गिरी ने बताया कि यह मंदिर आकाशीय मार्ग से उतारा गया है.महंत गंगा गिरी का कहना है है कि यहां शिवरात्रि के मौके पर भजन संध्या का आयोजन किया जाता है. साथ ही विदेशों से पर्यटक भी यहां आते हैं.
सारी मनोकामनाएं होती हैं पूरी
वहीं मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां पर आने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मंदिर में आए श्रद्धालु देवेंद्र सक्सेना का कहना है कि वह हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर नीलकंठ महादेव के दर्शन करने जाते हैं. देवेंद्र सक्सेना का कहना है कि वह मंदिर में आकर विशेष मंत्रों का उच्चारण करते हैं. मंदिर में उपस्थित श्रद्धालु विष्णु शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन महादेव के लिए विशेष प्रसाद बनाया जाता है. इसके अलावा विष्णु शर्मा मंदिर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं.
ऐसा कुंड जिसका पानी नहीं होता समाप्त
मंदिर परिसर में एक ऐसा कुंड मौजूद है जहां पर निरंतर जल प्रवाह है. साथ ही कुंड का पानी कभी खत्म नहीं होता है. इसके अलावा मंदिर परिसर पर अन्नपूर्णा माता का मंदिर और भीमा माता का मंदिर भी मौजूद है.
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Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk