सर्दी बनी मुसीबत! हार्ट अटैक...हाई ब्लड प्रेशर..ब्रेन स्ट्रोक के दिल्ली में बढ़ रहे केस
सर्दियों का मौसम खून को गाढ़ा कर देता है. इससे रक्त वाहिकाएं थोड़ी संकरी हो जाती हैं. जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है. ये सब कारक ह्रदय पर तनाव बढ़ाने का काम करते हैं.
इस साल कड़ाके की ठंड की वजह से बड़ी संख्या में लोगों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं. कई लोगों की इनकी वजह से मौत भी हो गई है. दिल्ली में भी हाई-ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. एक्सपर्ट्स ने कहा कि स्थिति तब और ज्यादा बिगड़ जाती है, जब हृदय से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे लोग सुबह के समय टहलने के लिए घर से बाहर निकलते हैं. AIIMS दिल्ली में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. नितीश नाइक ने कहा कि ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के मामलों की संख्या बढ़ जाती है. इस साल इन मामलों में तेजी से हुई बढ़ोतरी की वजह भी ठंड ही है.
ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. दिल के मरीज, जिनकी बाईपास सर्जरी हुई है. उनके हृदय पर पड़ता दबाव कई बार दिल से जुड़ी परेशानियां को बढ़ा सकता है. नाइक कहते हैं कि सर्दियों का मौसम खून को गाढ़ा कर देता है. इससे रक्त वाहिकाएं थोड़ी संकरी हो जाती हैं. जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है. ये सब कारक ह्रदय पर तनाव बढ़ाने का काम करते हैं. फरीदाबाद के एक हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी के एचओडी ने कहा कि ज्यादा सर्दी के मौसम में दिल की समस्याओं और ब्लड प्रेशर संबंधी जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है.
सर्दियों में बढ़ जाती हैं दिल से जुड़ी समस्याएं
अमृता अस्पताल के डॉ विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि सर्दियों के मौसम में दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती है. कई इमरजेंसी केस भी सामने आते हैं, जैसे- हार्ट अटैक, हार्ट फेल और हाई ब्लड प्रेशर. सर्दी और गर्मी में एक अंतर यही है कि ठंड का मौसम ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है. इसके अलावा सर्दियों में दिल का कार्य भी बढ़ जाता है. संक्रमण का जोखिम भी पैदा हो जाता है, खासकर श्वसन संक्रमण. ये सेंसेटिव लोगों में दिल के दौरे की समस्या पैदा करने का काम करता है. बढ़ता प्रदूषण भी दिल के मरीजों को नुकसान पहुंचाता है.
ब्लड प्रेशर में होती है वृद्धि
स्थिति की गंभीरता के बारे में बताते हुए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर निशीथ चंद्रा ने कहा कि कम तापमान ब्लड वेसल्स को टाइट कर देता है, जो दिल के दौरे से संबंधित दिक्कतों को बढ़ाता है. इसकी वजह से दिल को होने वाली खून की सप्लाई कम हो जाती है, जो एनजाइना को बढ़ावा दे सकती है और धमनियों को अवरुद्ध कर सकती है. यही कारक दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं. इतना ही नहीं, ब्लड प्रेशर में भी वृद्धि होती है. निशीथ ने सलाह दी है कि एक्सरसाइज के दौरान धूम्रपान या चाय, कॉफी लेने से बचें, क्योंकि इससे निकोटीन में वृद्धि हो सकती है, जो हृदय गति और बीपी बढ़ा सकता है.
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