सफदरजंग में एडवांस्ड न्यूरोमॉड्यूलेशन ट्रीटमेंट फैसिलिटी शुरू, डिप्रेशन–OCD मरीजों का फ्री होगा इलाज
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह पहल न सिर्फ सेवा विस्तार है, बल्कि संवेदनशील और समान अवसर आधारित स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है.

राजधानी दिल्ली स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (VMMC) और सफदरजंग अस्पताल ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ी पहल करते हुए मुफ्त न्यूरोमॉड्यूलेशन उपचार की शुरुआत कर दी है. यह कदम ऐसे मरीजों के लिए उम्मीद लेकर आया है, जिन्हें पारंपरिक दवाओं या काउंसलिंग से पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता.
कई गंभीर मानसिक रोगों में मिलेगा लाभ
सफदरजंग अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग ने 6 दिसंबर 2025 को रैपिटिटिव ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन (rTMS), मॉडिफाइड इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (mECT) और ट्रांसक्रेनियल डायरेक्ट करंट स्टिम्युलेशन (tDCS) जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस मुफ्त सेवाएं शुरू कीं. ये उपचार उन मरीजों के लिए खास तौर पर प्रभावी माने जाते हैं, जिन्हें दवाओं के बावजूद सुधार नहीं दिखता.
इन रोगियों के लिए नई उम्मीद
विशेषज्ञों के अनुसार, नई सेवाएं गंभीर अवसाद, ऑब्सेसिव–कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD), स्किज़ोफ्रेनिया सहित कई मानसिक बीमारियों में अत्यंत प्रभावी हो सकती हैं. अक्सर ऐसे मरीजों को दवा और काउंसलिंग के साथ वैकल्पिक तकनीकों की जरूरत होती है, जिसे अब सफदरजंग अस्पताल मुफ्त उपलब्ध कराएगा.
सरकार के मानसिक स्वास्थ्य मिशन को भी मिलेगी मजबूती
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह पहल न सिर्फ सेवा विस्तार है, बल्कि संवेदनशील और समान अवसर आधारित स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है. यह पहल केंद्र सरकार के उन प्रयासों को भी मजबूती देती है, जिनका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को देशभर में सुलभ बनाना है.
आर्थिक स्थिति अब उपचार में बाधा नहीं बनेगी
VMMC और सफदरजंग अस्पताल लंबे समय से इस मिशन पर काम कर रहे हैं कि कोई भी मरीज आर्थिक कारणों से इलाज से वंचित न रह जाए. न्यूरोमॉड्यूलेशन सेवाओं की शुरुआत इसी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है, खासकर उन मरीजों के लिए जो महंगे उपचार वहन नहीं कर पाते.
ये अधिकारी रहे मौजूद
उद्घाटन समारोह में निदेशक डॉ. संदीप बंसल, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चारु बाम्बा और मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज वर्मा मौजूद रहे. अधिकारियों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे मरीजों के लिए बड़ा राहत कदम बताया. उनका कहना था कि आधुनिक, साक्ष्य-आधारित थेरेपी को जनता तक बिना किसी शुल्क के पहुंचाना मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अहम बदलाव है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL





















