मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलने की आदत कहीं बिगाड़ न दे आपके लाडले की सेहत
मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलने की आदत से बच्चों की सेहत बिगड़ रही है. उनकी आंखे कमजोर हो रही है. बुद्धि का पूरा विकास नहीं हो रहा है. इस आदत के चलते बच्चों का वजन भी बढ़ता है. अगर समय रहते इस समस्या को दूर नहीं किया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

Child Care Tips : बच्चों की मोबाइल चलाने की आदत से अधिकतर पेरेंटस परेशान हैं. इस आदत के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है. वे अपना अधिक से अधिक समय मोबाइल पर ही बिताते हैं. मोबाइल पर अधिक समय देने से बच्चों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. मोबाइल की स्क्रीन पर अधिक देर तक आंखें गढ़ाकर रखने से आंखों की रोशनी कम होती हैं. वहीं सिर दर्द, माईग्रेन और मसल्स पेन जैसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है.
बच्चे मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलने में सबसे अधिक समय देते हैं. कई बच्चों में वीडियो गेम्स खेलने की आदत एडिक्शन में तब्दील हो चुकी है. बच्चों के लिहाज से ये एक खतरनाक संकेत हैं. कभी कभी देखा गया है कि बच्चे खाना खाते समय मोबाइल पर कुछ न कुछ देखते रहते है. यह स्थिति भी चिंताजनक होती है.
खाना खाते समय बच्चा अगर मोबाइल देखता है उसे मोटापे की समस्या हो सकती है. क्योंकि यह उसकी आदत में शामिल हो जाता है. जो बच्चे खाना खाते समय मोबाइल देखते हैं वे वजन के मामले में अन्य बच्चों की तुलना में अधिक मोटे होते हैं. इस आदत को जितना जल्दी हो सके दूर करने का प्रयास करना चाहिए.
8 साल से कम बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए. मोबाइल पर अधिक समय बिताने वाले बच्चों का पूर्ण रूप से मस्तिष्क का विकास नहीं हो पाता है. बच्चों का मस्तिष्क नेचुरल ढंग से विकसित होना चाहिए. ऐसा करने से वे संवेदनशील बनते हैं और उनमें सोचने की क्षमता विकसित होती हैं.
मोबाइल की आदत आसानी से नहीं छूटती है. बच्चे जिद करते हैं. कभी कभी वे नाराज हो जाते हैं. शरारत करने लगते हैं. खाना छोड़ देते हैं. इन समस्या का सामना न करने पड़े इसके लिए पहले उन्हें मानसिक तौर पर समझाएं. फिर धीरे धीरे इस आदत को कम करने का प्रयास करें. मोबाइल की आदत को दूर करने में मुश्किलें तो आएंगी लेकिन चरणबद्ध ढंग से किए गए प्रयासों से सफलता जरूर मिलेगी.
मोबाइल की आदत को ऐसे दूर करें
- बच्चों को स्पोट्र्स एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें.
- आउट डोर गेम्स खेलने के लिए तैयार करें
- दोस्तों के साथ मिलजुल कर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें.
- टाइमटेबल बना दें और उस पर अमल कराएं.
- खाली समय में कुछ क्रिएटिव करने के लिए प्रेरित करें.
- रात में जल्दी सोने की आदत डालें, देर तक जागना बच्चों के लिए अच्छा नहीं होता है.
खानपान का भी रखें ध्यान
- खाने में पौष्टिकता का ध्यान रखें
- खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं
- सोने से पहले गुनगुना दूध जरूर दें
- जंक फूड खाने से रोकें.
- कोल्ड ड्रिक्स की जगह लस्सी और जूस पीने के लिए प्रेरित करें
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Source: IOCL























