Track Difference: क्या वजह है कि मेट्रो के ट्रैक पर रेलवे ट्रैक की तरह पत्थर नहीं डाले जाते? समझिए इसका विज्ञान
Stones On Tracks: ट्रेन के ट्रैक से गुजरने पर गिट्टियां शोर को कम करती हैं और कंपन के समय ट्रैक के नीचे लगे स्लीपर्स को फैलने से रोकती हैं. आइए जानते हैं मेट्रो ट्रैक पर इन्हे जगह क्यों नही दी गई है.
Railway Track vs Metro Track: हम लोगों में से ज्यादातर लोगों ने रेल से सफर कर रखा है. अगर कोई ऐसा है भी जिसने अभी तक रेल से सफर नही किया है तो उसने रेलवे ट्रैक तो जरूर देखा ही होगा. बहुत से लोगों ने मेट्रो से भी सफर किया हुआ है. आपने रेलवे और मेट्रो दोनों के ट्रैक्स देखे होंगे, लेकिन क्या आपको इन दोनों ट्रैक्स के बीच का अंतर पता है?
आपने हमेशा देखा है कि रेलवे ट्रैक्स पर छोटी-छोटी गिट्टियां या पत्थर बिछे होते हैं. वहीं अगर बात मेट्रो की करें तो मेट्रो ट्रैक्स पर ये पत्थर नहीं बिछे होते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों के ट्रैक्स में ये अंतर क्यों होता है? आइए जानते हैं कि आखिर क्यों मेट्रो ट्रैक्स पर पत्थर या गिट्टियां नही होते हैं.
इसलिए होते हैं रेलवे ट्रैक्स पर पत्थर
मेट्रो ट्रैक्स पर पत्थर क्यों नहीं होते हैं ,इसका जवाब जानने के लिए पहले आपका यह समझना जरूरी है कि रेलवे ट्रैक्स पर ये पत्थर क्यों पड़े होते हैं. रेलवे ट्रैक पर बिछे इन पत्थरों को बैलेस्ट कहा जाता है. जब रेल इन ट्रैक पर चलती है तो तेज कंपन और काफी शोर होता है. ट्रैक पर पड़ी ये गिट्टियां इस शोर को कम करती हैं और कंपन के समय ट्रैक के नीचे की पट्टी, जिसे स्लीपर्स कहते हैं को फैलने से रोकती हैं. हालांकि, ट्रैक पर पड़ी इन गिट्टियों के रख रखाव में काफी खर्चा होता है. कई बार तो इनके रख-रखाव की प्रक्रिया के चलते रेलवे ट्रैक को ब्लॉक तक करना पड़ जाता है.
मेट्रो ट्रैक पर नहीं पड़ती पत्थर की जरूरत
मेट्रो ट्रैक्स बहुत व्यस्त होते हैं, इसीलिए इनको बार-बार ब्लॉक नहीं किया जा सकता है. इसीलिए इसे बैलेस्ट के बिना बनाया जाता है. मेट्रो के ट्रैक या तो जमीन से ऊपर बने होते हैं या फिर जमीन के नीचे. ऐसे में इन जगहों पर गिट्टी वाले ट्रैक का मेंटेनेंस करना सम्भव नहीं हैं. मेट्रो ट्रेन की फ्रीक्वेंसी लगभग हर 5 मिनट के बीच में होती है, ऐसे में इन ट्रैक्स को ब्लॉक करना आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. इसीलिए मेट्रो ट्रैक्स के बिना गिट्टी वाले कांक्रीट से ही बनाना पड़ता है. हालांकि, मेट्रो ट्रैक्स को बनाने में खर्चा थोड़ा ज्यादा होता है पर इनका मेंटेनेंस बिल्कुल न के बराबर होता है. गिट्टी रहित इन ट्रैक्स में कंपन को अवशोषित करने के लिए अलग-अलग प्रकार के डिज़ाइन होते हैं.
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