काबा के अंदर लाइट क्यों नहीं लगाई जाती, इसके पीछे क्या है वजह?
काबा सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में स्थित है. यह मुस्लिमों के लिए एक पवित्र स्थान है जहां हर साल बड़ी संख्या में लोग जाते हैं. चलिए, आपको बताते हैं कि काबा में लाइट क्यों नहीं है.

दुनिया में जितने भी धर्म हैं उनका एक पवित्र स्थान है जहां लोग पूजा करने, इबादत करने या फिर माथा टेकने जाते हैं, इन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है काबा. काबा सऊदी अरब के मक्का में मौजूद है जिसकी तरफ दुनियाभर के मुस्लिम मुंह करके नमाज अदा करते हैं. चलिए,आज हम आपको दुनिया के सबसे पवित्र स्थल काबा से जुड़ी एक बात बताते हैं कि आखिर काबा में लाइट क्यों नहीं लगाई जाती है.
क्यों नहीं है काबा के अंदर लाइट
डॉ. मुजम्मिल सिद्दीकी इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष थे, उन्हें साल 1998 में काबा के अंदर जाने का मौका मिला था. वहां से आने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान इससे जुड़े सवालों का जवाब दिया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि काबा के अंदर कोई लाइट नहीं है. इसके अलावा अंदर कोई खिड़की नहीं है सिर्फ एक दरवाजा है. यहां छत से दो लालटेन जैसी लाइटें लटक रही हैं. बताया जाता है कि इसके अंदर लाइट न लगाए जाने के पीछे इसकी पवित्रता है. इसके अंदर वातावरण को सादगीपूर्ण और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए कृत्रिम रोशनी नहीं लगाई जाती. यह एक तरह से ध्यान और इबादत के माहौल को बनाए रखने में मदद करता है. आज भी उन्हीं पुरानी परंपराओं को निभाया जा रहा है जो सदियों पुरानी है.
हर साल कितने लोग जाता है मक्का
हर साल बड़ी संख्या में लोग मक्का हज और उमराह करने आते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, हज के दौरान हर साल करीब 20 लाख मुस्लिम काबा जाते हैं. वहीं उमराह को देखा जाए तो इसके लिए हर साल हर साल करीब 70 से 90 लाख उमराह करने मक्का आते हैं. अगर इस संख्या को जोड़ दिया जाए तो हर साल कई करोड़ लोग सऊदी के इस पवित्र शहर में आते हैं. यहां आकर लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.
इसे भी पढ़ें- Donut Day 2025: डोनट के बीच में क्यों किया जाता है छेद, आखिर क्या है इसके पीछे की वजह?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















