भारत में किसे है नागरिकता देने या चेक करने का अधिकार, जानिए क्या कहता है नियम
Citizenship In India: बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग की बात हो रही है. इस दौरान लोगों की नागरिकता की जांच की जाएगी. चलिए जानें कि नागरकिता देने और जांचने का अधिकार किसके पास है.

बिहार में इस वक्त वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है. विपक्ष का लगातार यह कहना है कि जब आधार कार्ड देश की व्यापक पहचान है, तो फिर उसको मतदाता पहचान पत्र देने के लिए मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है. इसी बीच इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने इस बात को साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देश के हर राज्य में की जानी है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गैर-भारतीय इस लिस्ट में शामिल न हो, क्योंकि उसको वोट देने का कोई अधिकार नहीं है. स्क्रीनिंग के दौरान भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी कागजात चेक कराने होंगे. चलिए जानें कि नागरिकता देने और चेक करने का अधिकार किसे है.
वोटिंग लिस्ट में भारतीय नागरिक का नाम जरूरी क्यों?
निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वोटर लिस्ट में सिर्फ भारतीय नागरिकों के ही नाम शामिल हों और कोई भी गैर-भारतीय इस लिस्ट में शामिल न हो. यह देश की चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने और निष्पक्षता के लिए जरूरी है, जिससे कि सिर्फ वैध नागरिक ही वोटिंग का अधिकार शामिल कर करें. ऐसे में लोगों का कहना है कि नागरिकता जांचने का अधिकार सिर्फ भारत सरकार को है तो चुनाव आयोग नागरिकता क्यों जांच रहा है.
कौन जांच सकता है नागरिकता
भारत में नागरिकता की जांच करने का अधिकार मुख्य रूप से गृह मंत्रालय यानि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को है. गृह मंत्रालय नागरिकता अधिनियिम 1955 के तहत नागरिकता से संबंधित मामले देखता है. भारत में नागरिकता से जुड़े सभी मामलों की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की है. भारत में नागरिकता अधिनियम 1955 नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के विभिन्न तरीकों को निर्धारित करता है और गृह मंत्रालय इन्हीं प्रावधानों को लागू करता है. हालांकि कुछ मामलों में विदेशी क्षेत्रों में विलय के बाद नागरिकता को लेकर केंद्र सरकार भी निर्णय ले सकती है.
किसे है नागरिकता देने का अधिकार
भारत में नागरिकता देने का अधिकार संसद के पास होता है. संसद ने नागरिकता अधिनियम 1955 बनाया है. इसी नियम के तहत नागरिकता प्रदान की जाती है. भारतीय संविधान में अनुच्छेद 11 नागरिकता से संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है. वहीं गृह मंत्रालय नागरिकता मामलों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है.
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Source: IOCL


























