बिहार में वोटर लिस्ट पर घमासान, जानिए कौन से दस्तावेज साबित करेंगे आपकी नागरिकता की पहचान
Bihar Election Voter List Revision Controversy: बिहार में चुनाव आने वाले हैं, इसके पहले वहां पर वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण किया जा रहा है. चलिए जानें कि नागरिकता साबित करने के लिए कौन से कागज लगते हैं.

बिहार में चुनाव होने हैं और मतदाता सूची पर वेरिफिकेशन को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है. विपक्ष का लगातार यह कहना है कि जब आधार कार्ड को देश की सबसे व्यापक पहचान प्रणाली में गिना जाता है तो फिर उसे मतदाता पहचान पत्र के लिए मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है. इसी बीच इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने भी यह साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि देश के हर राज्य में की जाएगी. इस दौरान घर-घर जाकर मतदाताओं की पुष्टि होगी और इसके जरिए इलेक्शन कमीशन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई भी गैर भारतीय इस लिस्ट में शामिल न हो, क्योंकि उसे भारत में वोट देने का कोई अधिकार नहीं है.
क्यों हो रही वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग
बिहार में करीब 8 करोड़ मतदाता हैं, ऐसे में वोटर लिस्ट में तमाम तरह की त्रुटियां देखने को मिलती हैं, जैसे कि डुप्लीकेट नाम, मृतक के नाम, अपात्र लोगों का मतदाता लिस्ट में शामिल होना, ये सब चुनाव की विश्वसनीयता को प्रभावित करता है. बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का उद्देश्य उसमें कई तरह की अनियमितताओं को दूर करना है. रिपोर्ट्स की मानें तो वहां के कुछ जिलों में आधार कार्ड धारकों की संख्या आबादी से ज्यादा पाई गई है, ऐसे में जाहिर है कि अवैध अप्रवासी भी रह रहे हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से वोट बनवाए हैं. फर्जाी वोटर्स चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित करते हैं, ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट की स्पेशल स्क्रीनिंग शुरू कर रहा है. क्योंकि वोटर लिस्ट में सिर्फ भारतीय नागरिक का नाम होना चाहिए और कोई गैर भारतीय इसमें शामिल न हो.
स्क्रीनिंग में कौन से दस्तावेज मान्य
अब यह भी जान लीजिए कि अगर स्क्रीनिंग होती है तो कौन से दस्तावेज दिखाकर भारतीय नागरिकता साबित की जा सकती है. सबसे पहली और बड़ी बात यह है कि आधार कार्ड किसी भी शख्स की पहली पहचान नहीं होता है. आधार एक पूरक पहचान है, न कि मूल या प्राथमिक दस्तावेज है. ऐसे में नागरिकता के लिए कौन से दस्तावेज दिखाए जाएं. अगर स्क्रीनिंग के लिए दस्तावेज मांगे जा रहे हैं तो उनमें आप निम्नलिखित कागज दिखा सकते हैं-
- बर्थ सर्टिफिकेट
- पासपोर्ट
- बोर्ड या यूनिवर्सिटी का एजुकेशन सर्टिफिकेट
- सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की आईडी या फिर पीपीओ
- 1 जुलाई 1987 से पहले जारी सरकारी बैंक/डाकघर/प्रमाणपत्र/LIC की आईडी/दस्तावेज
- राज्य सरकार का स्थाई निवास प्रमाण पत्र
- वन अधिकार सर्टिफिकेट
- जाति प्रमाण पत्र (एससी/एसटी/ओबीसी)
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दस्तावेज
- पारिवारिक रजिस्टर (स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी)
- सरकारी मकान या जमीन का आवंटन पत्र
नागरिकता साबित करने के लिए अगर कागज दिखाने की बात कही जाती है, तो चलिए जानें कि कौन से दस्तावेजों के जरिए आप साबित कर सकते हैं कि भारत के नागरिक हैं.
- जन्म प्रमाण पत्र, जिसका रिकॉर्ड म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन या फिर मान्यता प्राप्त अस्पताल में होता है.
- भारतीय पासपोर्ट भी इस बात को साबित करता है कि आप भारत के नागरिक हैं.
- चुनाव आयोग जो मतदाता पहचान पत्र जारी करता है, वो भी आपकी नागरिकता साबित करने में मदद करता है.
- निवास प्रमाण पत्र, जो कि राज्य सरकार या फिर रजिस्ट्रार ऑफिस के द्वारा जारी किया जाता है.
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