जीएसटी में बदलाव से किस राज्य को कितना होगा फायदा? जानें फायदे में रहने वाले टॉप-10 राज्यों के नाम
केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़े बदलाव की घोषणा की है. इन बदलावों से कई राज्य लाभान्वित होंगे. चलिए जानते हैं उन राज्यों के बारे में जिन्हें जीएसटी सुधारों से होगा सबसे ज्यादा लाभ?.

हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में व्यापक बदलाव की घोषणा की है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. इस सुधार के तहत जीएसटी स्लैब को चार 5%, 12%, 18%, 28% से घटाकर दो 5% और 18% कर दिया गया है, साथ ही कुछ वस्तुओं पर 0% और हानिकारक वस्तुओं पर 40% का नया स्लैब जोड़ा गया है. इस बदलाव से आम जनता, किसानों, मध्यम वर्ग और व्यवसायियों को राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन राज्यों के राजस्व पर इसका असर भी पड़ेगा. चलिए जानते हैं कि इस बदलाव से किन-किन राज्यों को कितना फायदा हो सकता है.
जीएसटी के बदलाव और उनके फायदे
जीएसटी ने कर प्रणाली को सरल बनाया है. जीएसटी में कटौती से घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा जिससे आर्थिक विकास दर तेज रख पाना मुमकिन होगा. जीएसटी कटौती से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जिससे राज्यों में जीएसटी संग्रह में वृद्धि की उम्मीद है. हालांकि, कुछ राज्यों ने राजस्व नुकसान की आशंका जताई है, जिसके लिए केंद्र ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया है. चलिए जानते हैं किन राज्यों को जीएसटी रिफॉर्म से फायदा होगा.
राज्यों को जीएसटी में मिलेगा 70 फीसदी
एसबीआई के रिसर्च में बताया गया है कि किसी राज्य में अब जीएसटी की वसूली कुछ ऐसी होगी जैसे अगर किसी राज्य से 100 रुपये जीएसटी वसूला गया तो राज्य को करीब 70 रुपये हिस्सेदारी मिलेगी. मतलब जिस राज्य में जितनी ज्यादा जीएसटी वसूली होगी उसे उतना फायदा. इस व्यवस्था में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि इनके राज्यों में अन्य के मुकाबले उपभोक्ता ज्यादा हैं.
किन-किन राज्यों को कैसे होगा फायदा
जीएसटी में कटौती से वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ेगी, बड़ी आबादी और बढ़ते उपभोग के कारण जीएसटी राजस्व में वृद्धि होगी विशेष रूप से उपभोक्ता केंद्रित राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में. इसके अलावा सीमेंट, पेंट और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में कर कटौती से बुनियादी ढांचा परियोजनाएं सस्ती होंगी, जिससे महाराष्ट्र, गुजरात जैसे औद्योगिक राज्यों को फायदा होगा. वहीं कृषि और एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा जिससे कृषि उपकरणों और छोटे व्यवसायों पर कर कम होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाले राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा को लाभ होगा. इसके अलावा होटल और पर्यटन सेवाओं पर कम जीएसटी से राजस्थान जैसे राज्य में राजस्व बढ़ेगा. तकनीकी और उपभोक्ता वस्तुओं पर कम कर से बेंगलुरु जैसे शहरों में खपत बढ़ेगी जिससे कर्नाटक राज्य लाभान्वित हो सकता है. इसके अलावा ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल क्षेत्रों में लाभ के साथ-साथ उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ेगी जिससे तमिलनाडु जैसे राज्यों को फायदा होगा.
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