भारत से किन-किन देशों तक जाती है ट्रेन, क्या इसमें भी लेना होता है वीजा?
केंद्र सरकार ने भूटान तक ट्रेन कनेक्टिविटी के लिए दो अहम रेल प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है. असम के कोकराझार और चिरांग से भूटान के गालेफू तक 69 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनाई जाएगी.

भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए आमतौर पर फ्लाइट का ऑप्शन चुना जाता है. लेकिन कुछ पड़ोसी देशों तक ट्रेन से भी यात्रा की जा सकती है. वहीं पिछले कुछ समय से भारतीय रेलवे लगातार अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है. इस बीच केंद्र सरकार ने भूटान तक ट्रेन कनेक्टिविटी के लिए दो अहम रेल प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है. असम के कोकराझार और चिरांग से भूटान के गालेफू तक 69 किलोमीटर लंबी रेल लाइन और पश्चिम बंगाल के बनरहाट से भूटान के समत्से तक 20 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनाई जाएगी. इस परियोजना से भूटान को पहली बार सीधा रेल संपर्क मिलेगा. दोनों लाइन यात्री और मालगाड़ियों के लिए होगी और पूरी तरह वंदे भारत ट्रेनों के अनुरूप आधुनिक तकनीक की मांग पर आधारित होगी.
इस योजना को लेकर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना पूरी तरह तकनीकी और कोच भारत में ही बनाए जाएंगे. सुरक्षा और संचालन दोनों देशों की जरूरत के अनुसार तय होगा और भूटान के लोग भी ट्रेन संचालन की ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे. इस योजना से भारत को व्यापार, पर्यटन और सीमा सुरक्षा सभी क्षेत्रों में लाभ मिलेगा. ऐसे में चलिए अब आपको बताते हैं कि भारत से और किन-किन देशों तक ट्रेन जाती है और क्या इसके लिए वीजा लेना पड़ता है या नहीं.
भारत से नेपाल जाती है ट्रेन
पिछले काफी समय से भारत और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा चलाई जा रही है. बिहार के जयनगर रेलवे स्टेशन से आप सीधे जनकपुर के कुर्था स्टेशन तक जा सकते हैं. इसके अलावा रक्सौल जंक्शन भी नेपाल का प्रमुख प्रवेश द्वार है. जयनगर और रक्सौल मार्ग से हर रोज हजारों लोग आवाजाही करते हैं . ट्रेन से भारत से नेपाल जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की अनिवार्यता नहीं है, हालांकि यात्रा के दौरान यात्री को फोटो पहचान पत्र रखना अनिवार्य है.
बांग्लादेश के साथ रेल कनेक्टिविटी
भारत और बांग्लादेश के बीच दो अंतरराष्ट्रीय ट्रेनें चलती है. मैत्री एक्सप्रेस कोलकाता और ढाका के बीच हफ्ते में 6 दिन चलाई जाती है और लगभग 375 किलोमीटर की दूरी को 9 घंटे में तय करती है . वहीं दूसरी ट्रेन बंधन एक्सप्रेस कोलकाता और खुलना के बीच सप्ताह में एक दिन चलाई जाती है. हालांकि फिलहाल बांग्लादेश तनाव के कारण यह सेवा बंद है. वहीं जब यह रेलवे सेवा चालू थी, तब इस ट्रेन में चेक इन करने के लिए यात्रियों के पास वीजा होना आवश्यक था.
भारत और पाकिस्तान के बीच भी चलती थी ट्रेन सेवा
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले दो ट्रेनें चलाई जाती थी. जिनमें एक समझौता एक्सप्रेस दिल्ली-अटारी से लाहौर तक और दूसरी थार लिंक एक्सप्रेस जोधपुर से कराची तक चलती थी. लेकिन भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ाने के कारण 9 अगस्त 2019 से इन दोनों ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है.
इन देशों से भी जुड़ सकती है भारतीय रेल कनेक्टिविटी
भारतीय रेलवे आने वाले समय में भूटान के साथ म्यांमार, वियतनाम, चीन, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर के साथ रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है. मणिपुर से म्यांमार और वियतनाम के लिए रेल मार्ग प्रस्तावित है. नई दिल्ली से चीन के कुनमिंग तक हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित है. थाईलैंड और मलेशिया के लिए साझा यात्री सेवा की योजनाएं बनाई जा रही है. इन प्रोजेक्ट में यात्रा के लिए टिकट के साथ पासपोर्ट और वीजा आवश्यक होंगे.
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Source: IOCL























