दिल्ली या इस्लामाबाद... 120 गज का मकान बनवाना कहां पड़ेगा महंगा, जानें सीमेंट-मौरंग से लेकर सरिया तक के रेट
House Building Cost: दिल्ली और इस्लामाबाद में 120 गज के मकान की लागत कितनी होगी और कौन सा शहर सस्ता पड़ेगा? जानिए मटेरियल, मजदूरी और स्थान के आधार पर आखिर कितना अंतर आएगा.

मकान बनवाना हर परिवार का सपना होता है, लेकिन आज के समय में इसकी लागत का अंदाजा लगाना एक चुनौती बन गया है. अगर आप सोच रहे हैं कि दिल्ली या इस्लामाबाद में कहां पर 120 गज का मकान बनवाना सस्ता पड़ेगा, तो इसके लिए सिर्फ जमीन के दाम ही नहीं, बल्कि निर्माण सामग्री, मजदूरी और परिवहन लागत को भी ध्यान में रखना पड़ता है. आइए जान लेते हैं कि कहां पर मकान बनवाना सस्ता पडे़गा और किस जगह पर सीमेंट मौरंग का क्या रेट है.
सीमेंट-मौरंग की कीमत
सबसे पहले बात करें निर्माण सामग्री की तो मकान बनाने में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख चीजें हैं- सीमेंट, ईंट, बजरी, रेत और सरिया. इनकी कीमतें शहरों के अनुसार अलग-अलग होती हैं. दिल्ली में सीमेंट की कीमत लगभग 380-420 रुपये प्रति बैग हो सकती है, जबकि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में यह कीमत लगभग 600-650 पाकिस्तानी रुपये प्रति बैग तक जा सकती है. इसी तरह, मौरंग और सरिया की कीमतें भी स्थानीय बाजार की उपलब्धता और मांग पर निर्भर करती हैं.
मजदूरी और जगह
दूसरा बड़ा कारक है मजदूरी. दिल्ली में कंस्ट्रक्शन वर्कर की दैनिक मजदूरी आम तौर पर 800-1200 रुपये के बीच होती है, जबकि इस्लामाबाद में यह लगभग 1500-2000 पाकिस्तानी रुपये के करीब हो सकती है. मजदूरी में यह अंतर कुल निर्माण लागत पर सीधा असर डालता है. तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है स्थान और परिवहन लागत. किसी भी सामग्री को निर्माण स्थल तक पहुंचाना पड़ता है. दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ट्रैफिक और लंबी दूरी की वजह से परिवहन लागत बढ़ सकती है. वहीं इस्लामाबाद में भी सामग्री की उपलब्धता और शहर का आकार परिवहन खर्च को प्रभावित करता है.
डिजाइन का भी होता है असर
चौथा कारक है गुणवत्ता और डिजाइन. आप जिस स्तर के सामान का चयन करेंगे और मकान का डिजाइन कितना जटिल होगा, उससे लागत में काफी अंतर आता है. उदाहरण के तौर पर फिनिशिंग, फ्लोरिंग और फिटिंग की गुणवत्ता पर ही कुल खर्च का बड़ा हिस्सा निर्भर करता है.
कहां महंगा है घर बनवाना
हालांकि वर्तमान समय में दिल्ली और इस्लामाबाद में निर्माण सामग्री की सटीक तुलना तो नहीं की जा सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर कहा जा सकता है कि मजदूरी और परिवहन लागत दिल्ली में थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं. वहीं इस्लामाबाद में स्थानीय सामग्री की उपलब्धता और श्रमिक दरें कुछ हद तक इसे किफायती बना सकती हैं. लेकिन अंतिम लागत पूरी तरह निर्माण की गुणवत्ता, डिजाइन और व्यक्तिगत चयन पर निर्भर करेगी.
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