कब तक खत्म हो जाएगी हमारी पृथ्वी? NASA ने कैलकुलेट करके बता दी फाइनल तारीख
When Will Earth End: क्या हमारी धरती हमेशा के लिए सुरक्षित है? नासा और वैज्ञानिकों ने सुपरकंप्यूटर से की गई एक गणना में पृथ्वी के अंत की तारीख का खुलासा किया है, जो कि हैरान करने वाला है.

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी धरती हमेशा यूं ही आबाद रहेगी? नासा के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है. सुपरकंप्यूटर से की गई गणना के मुताबिक वो दिन भी आने वाला है जब पृथ्वी पर किसी भी जीव का अस्तित्व नहीं बचेगा. सवाल यह है कि आखिर हमारी यह खूबसूरत धरती कब खत्म होगी? जवाब सुनकर आपका दिल दहल जाएगा. चलिए जानते हैं.
कितने साल बाद खत्म हो जाएगी धरती
वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य हर गुजरते अरबों वर्षों में और ज्यादा गर्म और चमकीला होता जा रहा है. जब सूर्य अपने हाइड्रोजन ईंधन को जलाता है, तो उसकी ऊर्जा उत्सर्जन क्षमता बढ़ती जाती है. यही वजह है कि आने वाले समय में सूर्य से निकलने वाली गर्मी पृथ्वी के तापमान को असहनीय बना देगी. वातावरण में मौजूद नमी और जल धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे, जिससे समुद्र सूखने लगेंगे और पृथ्वी एक बंजर, जलती हुई चट्टान बन जाएगी.
नासा के एक सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन से पता चला है कि करीब 1 अरब (1 बिलियन) साल बाद, यानी लगभग साल 1,000,002,021 तक हमारी धरती रहने लायक नहीं बचेगी. उस समय सूर्य की गर्मी इतनी बढ़ जाएगी कि किसी भी जीवित प्राणी के लिए यहां रहना असंभव होगा.
धीरे-धीरे घटने लगेगा ऑक्सीजन का स्तर
नासा और जापान के टोहो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस भविष्यवाणी के लिए अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर मॉडल का उपयोग किया. इसमें पृथ्वी के वातावरण, सूर्य की ऊर्जा, जलवायु और ऑक्सीजन चक्र जैसे कई जटिल पहलुओं का अध्ययन किया गया. इस मॉडल ने यह दिखाया कि आने वाले करोड़ों वर्षों में पृथ्वी की सतह का तापमान लगातार बढ़ता जाएगा और धीरे-धीरे ऑक्सीजन का स्तर इतनी मात्रा में घट जाएगा कि किसी भी तरह का जीवन संभव नहीं रहेगा.
100 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाएगा धरती का तापमान
इस बढ़ती गर्मी के कारण न सिर्फ जीव-जंतु बल्कि पौधे और माइक्रोब्स जैसी छोटी जीव प्रजातियां भी समाप्त हो जाएंगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि उस समय पृथ्वी पर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाएगा. ऑक्सीजन की कमी और बढ़ती सौर विकिरण के चलते हवा सांस लेने लायक नहीं रहेगी. हालांकि यह अंतिम विनाश तुरंत नहीं होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है. सूर्य आने वाले करीब 4.5 अरब वर्षों में अपने विकास के अंतिम चरण में एक रेड जायंट बन जाएगा, जिससे वह पृथ्वी को अपनी कक्षा में समेट लेगा. यह ब्रह्मांडीय यात्रा का अंतिम अध्याय होगा.
फिलहाल इंसान के पास अरबों साल हैं, लेकिन नासा की यह रिपोर्ट हमें चेतावनी देती है कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से पैदा हो रहे खतरे हमें उस अंत के करीब पहले ही न ले जाएं, इसलिए धरती को बचाने की शुरुआत आज और अभी से जरूरी है.
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Source: IOCL
























