क्या होता है मॉक पोल, जानें वोटिंग से पहले चुनाव आयोग नकली वोट क्यों डलवाता है?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वोटिंग से पहले चुनाव आयोग द्वारा मॉक पोल क्यों किया जाता है और अधिकारी नकली वोट क्यों डालते हैं? जानिए इसके पीछे की वजह.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में सुबह 7 बजे से वोटिंग जारी है. दिल्ली के 70 सीटों पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा वोटर्स अपने विधानसभा क्षेत्र से मतदान करेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मतदान से पहले मॉक पोल क्या होता है और इस दौरान चुनाव आयोग आखिर नकली वोट क्यों डलवाता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज यानी 5 फरवरी को 70 सीटों पर मतदाता अपने मत का इस्तेमाल कर रहे हैं. सुबह मतदान शुरू होने से पहले चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पोलिंग बूथ पर मॉक पोल का आयोजन भी किया था, इस दौरान अधिकारियों ने नकली वोट डलवाया है. क्या आप जानते हैं कि मॉक पोल क्या होता है और उसका इस्तेमाल कब किया जाता है.
क्या होता है मॉक पोल?
अब सवाल ये है कि मॉक पोल क्या होता है. बता दें कि मतदान के दिन एक्चुअल वोटिंग शुरू होने से पहले हर मतदान केंद्र में मॉक पोल का आयोजन किया जाता है. उस दौरान बोलिंग बूथ के अधिकारी मौजूद रहते हैं. मॉक पोल में चुनाव लड़ रहे हर उम्मीदवार के नाम और NOTA के सामने के बटन को रैंडम तरीके से कम से कम तीन बार दबाया जाता है. हर पोल में कम से कम पचास मॉक पोल होते हैं. यह बटन पोलिंग एजेंट द्वारा दबाया जाता है.
बता दें कि इस दौरान अगर एजेंट उपलब्ध नहीं रहते हैं, तो मतदान अधिकारी बटन दबाकर मॉक पोल करते हैं. वहीं अगर ईवीएम का बटन दबाने पर बीप की आवाज नहीं आती है, तो ईवीएम को बदल दिया जाता है. मॉक पोल के बाद संबंधित पोलिंग स्टेशन पर पीठासीन अधिकारी की ओर से दो प्रतियों में पोल का प्रमाण पत्र तैयार करके उस पर वहां मौजूद पोलिंग एजेंटों के हस्ताक्षर कराए जाते हैं. अगर कोई माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त होता है, तो उसके भी हस्ताक्षर लिए जाते हैं. हर पोलिंग स्टेशन से सेक्टर ऑफिसर मॉक पोल प्रमाण पत्र की प्रति लेंगे. इस पूरी प्रक्रिया को रिटर्निंग अफसर की निगरानी में किया जाएगा.
क्यों होता है मॉक पोल जरूरी?
केंद्रीय चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव के लिए कई उपाय करते हैं. इसमें उंगली पर इंक लगाना, चुनाव से पहले मॉक पोल करना, अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शामिल है. बता दें कि ईवीएम की जांच करने के लिए भी मॉक पोल किया जाता है, इस दौरान अधिकारियों को पता चल जाता है कि किस ईवीएम में गड़बड़ी है.
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Source: IOCL






















