Budget 2025: सबसे पहले किसने घुमाई थी बजट वाले हलवे की करछी? जान लीजिए नाम
Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में बजट पेश करेंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे पहले बजट किसने पेश किया था और हलवा सेरेमनी कब शुरू हुई थी. जानिए इसकी कहानी.

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी को अपना लगातार 8वां बजट पेश करने जा रही हैं. देश से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार तक की नजर वित्त मंत्री के बजट भाषण पर टिकी हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर बजट से पहले हलवा सेरमनी क्यों होती है और सबसे पहले किस वित्त मंत्री ने इसकी शुरूआत की थी. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
कब होगा बजट पेश?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में सुबह जल्दी पहुंचेंगी, जहां 11:00 बजे फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश करने की उम्मीद है. वहीं इस बार शनिवार होने के बावजूद शेयर मार्केट खुला रहेगा. जी हां, वैसे शनिवार और रविवार को शेयर मार्केट बंद रहता है और इस दौरान किसी भी प्रकार की कोई ट्रेडिंग नहीं होती है. लेकिन इस बार 1 फरवरी को बजट पेश होगा, ऐसे में शेयर बाजार भी खुला रहेगा. दरअसल बजट घोषणाओं पर तत्काल बाजार प्रतिक्रिया पर नजर रखने के लिए शेयर बाजार खुले रहते हैं.
क्या है हलवा सेरेमनी
बता दें कि भारत में किसी भी शुभ कार्य के दौरान मुंह मीठा कराने की परंपरा है. वहीं बजट के दस्तावेज तैयार हो जाने की खुशी में हलवा कढ़ाहे में बनाया जाता है और वित्त मंत्री की मौजूदगी में हलवा बजट बनाने वाले अफसरों और कर्मचारियों में बांटा जाता है. इसे ही हलवा सेरेमनी कहा जाता है.
हलवा सेरेमनी का इतिहास
जानकारी के मुताबिक हलवा समारोह कब शुरू हुआ था, इसके बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है. लेकिन हां, आजादी के बाद से ही इसका जिक्र मिलता है. लेकिन इसकी प्रासंगिकता 1950 के बाद बढ़ी थी. दरअसल उस समय बजट की जानकारी लीक हो गई थी, जिसके बाद से गोपनीयता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा था.
वहीं स्वतंत्र भारत में पहली बार पहले वित्त मंत्री सर आरके शानमुगम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को देश का पहला केंद्रीय बजट पेश किया था. यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के साढ़े सात महीनों के लिए था. वहीं आरके षणमुगम चेट्टी के इस्तीफ़े के बाद भारत के वित्त मंत्री बने जॉन मथाई, जिन्होंने 1949-50 और 1950-51 में दो केंद्रीय बजट पेश किया जाता है. माना जाता है कि उनके ही कार्यकाल से हलवा सेरेमनी की शुरूआत हुई थी.
कहां छपता है बजट?
बता दें कि बजट छापने के समय विशेष सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है. क्योंकि अगर बजट लीक होता है, तो इसका सीधा असर सरकार पर पड़ता है. अभी बजट से जुड़े सभी दस्तावेज़ नॉर्थ ब्लॉक में ही एक सरकारी प्रेस में छापे जाते हैं. वहीं पहले दस्तावेज़ राष्ट्रपति भवन में छापे जाते थे, लेकिन 1950 में दस्तावेज़ लीक होने के बाद इसे राष्ट्रीय राजधानी के मिंटो रोड स्थित प्रेस में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां से प्रेस फिर 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में ट्रांसफर कर दिया गया था.
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