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भारत में है नो ग्रैविटी जोन वाली ये जगहें, पानी नीचे गिराएं तो ऊपर की ओर उड़ता है

महाराष्ट्र के कोंकण में एक ऐसा वॉटरफॉल है जिसके बारे में लोग कहते हैं कि यहां पानी उड़ता है. इसका नाम कवालशेत प्वाइंट है जिसे एक जादुई झरना के नान से भी लोग जानते हैं.

प्रकृति अपने भीतर कितने राज छुपाए हुए है इसके बारे में आज तक किसी को नहीं पता. समय-समय पर इसके नए नए राज बाहर आते रहते हैं. कहते हैं इस पृथ्वी पर हम और आप जमीन पर इसलिए चल पा रहे हैं क्योंकि यहां गुरुत्वाकर्षण है. यही वजह है कि यहां सब कुछ ऊपर से नीचे गिरता है, लेकिन इसी पृथ्वी पर कई जगह ऐसी भी है जहां ग्रेविटी शून्य है. इसलिए उस जगह पर कुछ ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जो इंसानों के लिए अनूठी होती हैं. आज हम आपको दुनिया भर की ऐसी ही नो ग्रेविटी वाली जगहों के बारे में बताएंगे, जहां सब कुछ पृथ्वी के अन्य हिस्सों से अलग घटित होता है.

भारत का अनोखा रिवर्स वॉटरफॉल 

महाराष्ट्र के कोंकण में एक ऐसा वॉटरफॉल है जिसके बारे में लोग कहते हैं कि यहां पानी उड़ता है. इसका नाम कवालशेत प्वाइंट है जिसे एक जादुई झरना के नान से भी लोग जानते हैं. इसे ही रिवर्स वॉटरफॉल के नाम से भी जाना जाता है. आपने जब भी किसी झरने को देखा होगा, उसका पानी ऊपर से नीचे गिरते देखा होगा. लेकिन यहां ऐसा नहीं होता. यहां ज़ीरो ग्रेविटी के कारण वॉटरफॉल से पानी नीचे नहीं ऊपर की ओर उड़ता है. लोग कहते हैं कि ऐसा जीरो ग्रेविटी की वजह से ऐसा होता है. हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा ज्यादा हवा के दबाव के कारण होता है.

भारत का मैगनेटिक हिल्स

भारत के लद्दाख के पहाड़ी क्षेत्रों मे से एक मैगनेटिक हिल्स अपनी अनोखी विशेषता के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है. यह लेह से करीब लगभग 30 किमी दूरी पर है. कहते हैं कि इसकी ऊंचाई समुद्रतल से 14000 फीट है. कहते हैं कि इस जगह पर ढलान पर भी गाड़ी खड़ी कर दो तो वह जस की तस रहती है. यानी गाड़ी में ब्रेक भी नहीं लगा रहता इसके बाद भी वह ढलान पर नीचे की ओर नहीं जाती है.  इसी वजह से इसे मैगनेटिक हिल्स कहते हैं. सबसे बड़ी बात कि इस हिल के ऊपर से उड़ने वाले जहाज़ भी इसके ऊपर से गुजरते समय अपनी ऊंचाई को और बढ़ा लेते है, वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि यहां मौजूद मैगनेटिक हिल्स की वजह से प्लेन में गड़बड़ी होने की आशंका होती है.

इंग्लैंड का रिवर्स वॉटरफॉल

जिस तरह से भारत के कोंकण महाराष्ट्र में रिवर्स वॉटरफॉल है, उसी तरह से इंग्लैंड के डर्बीशायर पीक ज़िले के हेफ़ील्ड में भी एक रिवर्स वॉटरफॉल है. यह वाटरफॉल किंडर नदी के पास में है, इसी नदी की वजह से एक झरना बनता है और तेज़ हवाओं के झोंकों के कारण यहां भी पानी ऊपर की ओर बहने लगता है. हालांकि, यहां के लिए भी कुछ लोग कहते हैं कि ये सब कुछ ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस जगह पर जीरो ग्रैविटी है.

अमेरिका का स्पूक हिल्स

भारत का मैगनेटिक हिल्स की तरह अमेरिका में फ्लोरिडा के लेक वेल्स रिज पर स्थित स्पूक हिल भी एक ऐसी जगह है, जहां अगर आप रुकते हैं और अपनी कार पार्क करते हैं तो यहां कार खुद-बा-खुद ढलान की विपरीत दिशा में खींची चली जाती है. विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहां गुरुत्वाकर्षण बल जीरो होती है.

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