ब्लैक होल के बाद अब ये फॉक्स होल क्या बला है? इसके अजीबोगरीब रहस्य से वैज्ञानिक भी हैं परेशान!
सिम्यूलेशन के दौरान वैज्ञानिकों ने एक नई तरह का खगोलीय पिंड बनाया है. जिसे फॉक्स होल कहा जा रहा है. पदार्थ को खींचने की जगह ये धुंधली सी रोशनी छोड़ता है. आखिर ये ब्लैक होल है या किसी तरह का तारा?

Fox Hole: ब्लैक होल की अवधारणा 100 साल पुरानी थी. जिसकी पुष्टि करीब 8 साल पहले गुरुत्व तरंगों की खोज के बाद हो सकी. अंतरिक्ष में ब्लैक होल की खोज काफी प्रमुख और बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. गणनाओं और परिकल्पनाओं के आधार पर ब्लैक होल के अस्तित्व की अवधारणा के काफी समय बाद इसके अस्तित्व की पुष्टि हुई. इसी कड़ी में अब एक नाम फॉक्स होल का भी जुड़ गया है. वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर सिम्यूलेशन की मदद से फॉक्स होल नामक नए परिकाल्पनिक खगोलीय पिंड की खोज की है.
प्रकाश की कमजोर किरणे निकल रही
जॉन हॉप्किन्स के शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो यह ब्लैक होल की ही तरह है, लेकिन इससे बहुत कमजोर प्रकाश की किरणें उत्सर्जित हो रही हैं. Black Hole जैसा दिखने वाले इस पिंड में प्रकाश को मोड़ने की भी क्षमता है, लेकिन असल में यह कोई तारा भी हो सकता है.
गणितीय परिकल्पना है ये पिंड
दरअसल, फिलहाल फॉक्स होल एक कल्पनिक गणितीय निर्माण है, शोधकर्ताओं के इसे नए सिम्यूलेशन से बनाया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के न जाने कितने प्रकार के पिंड अंतरिक्ष में छिपे होंगे, जो अभी तक भी पृथ्वी के सर्वश्रेष्ठ टेलीस्कोप की नजर में नहीं आ पाए होंगे. इस खोज के नतीजे फिजिक्स रीव्यू डी जर्नल में छपे हैं.
ब्लैक होल या कुछ और है ये?
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के भौतिकविद पियरे हेइडमैन ने इस अध्ययन की अगुआई की थी. उन्होंने बताया कि यह पिंड दिख तो ब्लैक होल की तरह ही रहा है, लेकिन इसके काले धब्बे के भीतर से प्रकाश भी निकल रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह का कोई पिंड ब्लैक होल है या नहीं, इसका परीक्षण करने का अभी कोई तरीका नहीं है. टोपोलॉजिकल सॉलिटन्स या फॉक्स होल अभी परिकल्पना की अवस्था में हैं यानि इसे अभी तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, किसी भी रूप में देखा नहीं गया है.
अजीब है प्रकाश का बर्ताव
नतीजों से पता चलता है कि टोपोलॉजिकल सोलिटन भी अंतरिक्ष को उसी तरह से विकृत कर रहा है जैसे कि कोई ब्लैक होल करता है. इस विशेष गुण के बाद भी यह ब्लैक होल के बर्ताव के विपरीत बिखरा हुआ और कमजोर प्रकाश की किरणों को उत्सर्जित कर रहा है. क्योंकि ये किरणें इसके गुरुत्व प्रभाव से बाहर निकल रही हैं, जिसका मतलब यह बनता है कि यह पूरी तरह से ब्लैक होल भी नहीं है. प्रकाश बहुत ही अजीब तरह से इसका चक्कर लगा रहा है.
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Source: IOCL





















