क्या इस्तीफा देकर वापस लेने पर बरकरार रहती है विधायक की सदस्यता, जानें क्या है नियम?
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा के समझाने के बाद अनमोल गगन मान ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. एक दिन पहले उन्होंने राजनीति छोड़ने की बात कही थी.

पंजाब की सियासत में भूचाल आया हुआ है. एक दिन पहले यहां की खरड़ विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान ने इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे का कारण उन्होंने राजनीति छोड़ना बताया था. हालांकि, अब उन्होंने यूटर्न ले लिया है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा के समझाने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
आप नेता अनमोल गगन मान ने लिखा, मैंने आज पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा जी से मुलाकात की. पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी द्वारा मेरा इस्तीफा अस्वीकार करने के फैसले को मैंने स्वीकार किया है. आप विधायक द्वारा एक दिन के अंदर ही इस्तीफा वापस लिए जाने के बाद कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या एक बार इस्तीफा देने के बाद उसे वापस लिया जा सकता है और तब भी विधानसभा की सदस्यता बरकरार रहती है? चलिए जानते हैं इसके लिए क्या है नियम.
इस्तीफा वापसी का क्या है नियम?
विधानसभा सदस्यता नियमों के अनुसार, अगर कोई सदस्य अपने पद से इस्तीफा देता है तो वह तब तक मान्य नहीं होता जब तक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उसे स्वीकार न कर लिया जाए. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किसी भी सदस्य का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद सदन को इसकी सूचना देनी होती है. नियम कहते हैं कि अगर कोई विधायक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफे को स्वीकार किए जाने से पहले उसे वापस ले लेता है तो उसकी सदस्यता बरकरार रहती है और वह पद पर बना रह सकता है.
मामले में क्या हुआ?
जहां तक आप विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान का मामला है तो उन्होंने शनिवार को अपना इस्तीफा दिया था. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया था. अब जब उन्होंने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही इसे वापस ले लिया है तो वह पहले की तरह ही पंजाब विधानसभा की सदस्य बनी रहेंगी और उनकी विधायकी भी बरकरार रहेगी.
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