Prison Conjugal Visit: जेल में बंद पति के साथ अकेले में वक्त बिता सकती है पत्नी? जानें कितने घंटे का मिलता है टाइम
Prison Conjugal Visit: भारत में कैदियों के लिए अलग नियम तय हैं, लेकिन उनको वैवाहिक मुलाकात की आजादी नहीं है. लेकिन कुछ मामलों में ऐसा हुआ भी है. चलिए जानते हैं कि आखिर कैदी को इसके लिए कितना समय मिलता है.

Prison Conjugal Visit: क्या कानून में जेल में सजा काट रहे शख्स की जरूरतों का भी ख्याल रखा जाता है? क्या कोई पत्नी जेल में बंद पति के साथ अकेले में वक्त बिता सकती है. यह सुनने के बाद तो आपने मन में भी ख्याल आ रहा होगा कि क्या सच में ऐसा भी होता है. अगर ऐसा होता भी है तो आखिर किस आधार पर कैदियों को प्राइवेट टाइम के लिए छूट दी जाती है. जेल में इसके लिए क्या नियम होते हैं और यह व्यवस्था कहां और कितनी देर के लिए की जाती है. चलिए जानते हैं…
जेल में पति के साथ अकेले वक्त बिता सकती है पत्नी
कानून के जानकार और दिल्ली हाईकोर्ट के वकील और कानून के जानकार प्रेम जोशी बताते हैं कि वैसे तो भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है कि कैदियों को Conjugal Visit की अनुमति देता हौ. हालांकि यह एक तरह से वो मुलाकात होती है, जब एक कैदी को कुछ वक्त के लिए अपने जीवनसाथी के साथ वक्त बिताने का मौका दिया जाता है. इस मुलाकात के दौरान वे अपने पार्टनर के साथ संबंध बना सकते हैं और उनको इसकी इजाजत होती है. कई मामलों में कोर्ट ने जीवनसाथी के साथ वक्त बिताने की अनुमति दी है.
इन देशों में इसके लिए बने नियम
कुछ देशों जैसे कि जर्मनी, रूस, कनाडा, अमेरिका, डेनमार्क, बेल्जियम, सऊदी अरब, स्पेन में इस तरह से मिलने के लिए बाकयादा कानून है और इसके लिए छूट दी जाती है. साल 2015 में हरियाणआ और पंजाब हाईकोर्ट ने कैदियों को पार्टनर के साथ प्राइवेट में वक्त बिताने और प्रेग्नेंसी को लेकर अनुमति दी थी. यह एक मौलिक अधिकार है. एक बार मद्रास हाई कोर्ट ने भी एक कैदी को इसके लिए छुट्टी दी थी, क्योंकि वह आजीवन कारावास की सजा पर था. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो पंजाब की कई जेलों में कैदियों को पार्टनर के साथ वक्त बिताने के लिए कमरों की सुविधा दी गई है.
कितने घंटे टाइम बिता सकते हैं पति-पत्नी
इस दौरान कैदी अनुमति मिलने के बाद इन जगहों पर अपने पार्टनर से मुलाकात कर सकते हैं. रिपोर्ट की मानें तो यहां कुछ जेलों में कमरे के साथ-साथ डबल बेड और वॉशरूम की सुविधा भी होती है. इसके अलावा एक मेज, दो कुर्सी और पानी की भी व्यवस्था होती है. दोनों की मुलाकात के वक्त कमरा बाहर से बंद रहता है. कैदियों को इसके लिए दो घंटे की अनुमति दी जाती है. हालांकि हर जेल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है और इसका निर्णय कोर्ट लेता था.
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