अयूब खान की तरह क्या आसिम मुनीर ने भी खुद ही ले लिया फील्ड मार्शल का पद? ये है पूरी कहानी
Asim Munir Promoted As Field Marshal: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के तौर पर प्रमोट कर दिया गया है. लेकिन क्या मुनीर ने यह पद खुद लिया है या सच में प्रमोशन हुआ है.

बीते दिन पाकिस्तान की सरकार ने एक हैरान करने वाला फैसला लिया है. पाकिस्तानी सरकार ने घोषणा की है कि सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के तौर पर प्रमोट किया जा रहा है. इसमें खास बात यह है कि इससे पहले फील्ड मार्शल के तौर पर अयूब खान को प्रमोट किया गया था और अब आसिम मुनीर दूसरे फील्ड मार्शल बने हैं. अयूब खान ने तो यह पद खुद ही ले लिया था यानि उन्होंने खुद का प्रमोशन कर लिया था. तो क्या आसिम मुनीर को यह पद सरकार की ओर से दिया गया है या उन्होंने भी खुद ही दबाव में खुद का प्रमोशन कर लिया है. चलिए जानें कि इसके पीछे की कहानी क्या है.
असिम मुनीर का अयूब खान से कनेक्शन
आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल घोषित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर शहबाज सरकार के फैसले का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमलों में पाकिस्तानी सेना को झटका लगा, लेकिन फिर भी आसिम मुनीर को सर्वोच्च मिलिट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है. यह तो हार का इनाम देने की तरह है. आसिम मुनीर के प्रमोशन को मोहम्मद अयूब खान से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि 1958 में अयूब खान ने तख्तापलट किया और खुद को देश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया. इसके बाद उन्होंने खुद को सेना के उच्च पद पर पदोन्नत कर लिया.
आसिम मुनीर कैसे चुने गए फील्ड मार्शल
अयूब खान जब राष्ट्रपति बन गए तो इसके बाद जनरल मूसा खान को पाकिस्तानी सेना का कमांडर-इन-चीफ घोषित किया गया था. इसके बाद अयूब खान ने देश चलाने पर ध्यान दिया. अयूब खान और आसिम मुनीर के प्रमोशन में फर्क यह है कि मुनीर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने पदोन्नत किया है. ऐसा कहा जा रहा है कि आसिम मुनीर ने खुद यह पद नहीं लिया है, बल्कि उनको प्रमोट किया गया है. पाकिस्तान में कानून के हिसाब से फील्ड मार्शल के पास कोई अतिरिक्त संवैधानिक शक्ति नहीं होती है. फील्ड मार्शल की नियुक्ति प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और रक्षा मंत्रालय तीनों की सहमति से होती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट से भी संवैधानिक आदेश की जरूरत होती है.
पाकिस्तान में सेना का दबाव
पाकिस्तान में सेना द्वारा हमेशा से सरकार को डॉमिनेट किया गया है. इस वजह से वहां पर अब तक 4 बार तख्तापलट हो चुका है. ऐसे में यह भी हो सकता है कि आसिम मुनीर के दबाव में वहां की सराकार ने यह फैसला लिया हो. चूंकि पाकिस्तान में असल शासक तो सेना ही है, इसलिए कहा जा रहा है आसिम मुनीर ने खुद शहबाज सरकार के ऊपर फील्ड मार्शल की घोषणा के लिए दबाव बनाया है. अब आसिम मुनीर खुद प्रमोट हुए या दबाव में फैसला लिया गया, यह कितना सच है ये तो पाक सरकार और आसिम मुनीर ही जानते हैं.
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