Nepal vs Pakistani Rupee: नेपाल से भी कमजोर है पाकिस्तान का रुपया, नेपाल के 2000 रुपये पाकिस्तान में हो जाते हैं कितने?
Nepal vs Pakistani Rupee: नेपाल की छोटी अर्थव्यवस्था का रुपया पाकिस्तान से भी मजबूत कैसे हो गया. चलिए जानें 2000 नेपाली रुपये के बदले पाकिस्तान में कितने मिलते हैं और इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है.

Nepal vs Pakistani Rupee: दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्थाओं की बात करें तो नेपाल और पाकिस्तान दोनों ही विकासशील देशों की श्रेणी में आते हैं. लेकिन जब मुद्राओं की मजबूती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी कीमत की तुलना की जाती है, तो नेपाल का रुपया पाकिस्तान की करेंसी से कहीं आगे निकल जाता है. यह स्थिति चौंकाने वाली इसलिए है, क्योंकि नेपाल की अर्थव्यवस्था आकार में पाकिस्तान की तुलना में बहुत छोटी है, फिर भी उसका रुपया ज्यादा स्थिर है. चलिए जानें कि नेपाल के 200 रुपये पाकिस्तान में कितने हो जाते हैं.
नेपाल बनाम पाकिस्तान करेंसी रेट
लेटेस्ट एक्सचेंज रेट्स के अनुसार 1 नेपाली रुपया (NPR) की कीमत लगभग 2.01 पाकिस्तानी रुपये (PKR) के बराबर है. यानी अगर आपके पास 2000 नेपाली रुपये हैं, तो पाकिस्तान में उन्हें बदलने पर लगभग 4020 पाकिस्तानी रुपये मिलेंगे. इस तुलना से साफ है कि पाकिस्तान की करेंसी अब नेपाल से भी कमजोर हो चुकी है.
पाकिस्तान का रुपया इतना कमजोर क्यों?
पाकिस्तानी रुपये की कमजोरी का मुख्य कारण उसकी बिगड़ती आर्थिक स्थिति है. पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है. वहां महंगाई दर खतरनाक स्तर पर है और आयात पर अधिक निर्भरता व निर्यात में कमी से ट्रेड बैलेंस बिगड़ गया है. राजनीतिक अस्थिरता और आईएमएफ (IMF) से कर्ज की शर्तों ने भी पाकिस्तानी करेंसी पर दबाव बढ़ाया है. इन वजहों से रुपया डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरा और अब क्षेत्रीय करेंसियों जैसे नेपाली रुपये से भी कमजोर हो गया है.
नेपाल का रुपया क्यों स्थिर है?
नेपाल की करेंसी अपेक्षाकृत स्थिर इसलिए है, क्योंकि यह भारतीय रुपये (INR) से जुड़ी हुई है. 1 भारतीय रुपया, 1.6 नेपाली रुपये के बराबर होता है. यह दर लंबे समय से स्थिर है. भारत और नेपाल के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग, व्यापार और वित्तीय व्यवस्था का सीधा फायदा नेपाली रुपये को मिलता है.
असर आम जनता पर
नेपाल से पाकिस्तान जाने वाले पर्यटकों और व्यापारियों के लिए यह स्थिति फायदेमंद है, क्योंकि उनके पैसे पाकिस्तान में ज्यादा मूल्य देते हैं. वहीं पाकिस्तान में आम जनता को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है. विदेशी सामान, तेल और रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी होती जा रही हैं, क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिर रहा है.
यह भी पढ़ें: पहले नेपाल, फिर फ्रांस और अब लंदन, जानें किस देश में क्यों हो रहे प्रदर्शन?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















