पाकिस्तान में जब आतंकी हमला होता है तो सबसे पहले कौन जाता है, भारत की NSG की तरह ये है Pak की सबसे खतरनाक फोर्स
भारत में बड़ी आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की स्थापना की गई है. इस तरह पाकिस्तान में भी ऐसे मामलों के लिए स्पेशल कमांडो फोर्स है, चलिए जानते हैं उसके बारे में...

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान बीते कुछ सालों से आतंकी घटनाओं से परेशान है. अब एक बार फिर यहां ऐसी घटना घटी है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. पाकिस्तान में एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया है. पाकिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस आतंकी घटना की जिम्मेदारी ली है. जानकारी के मुताबिक, बीएलए ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया है और इसमें सवार करीब 182 लोगों को बंधक बना लिया गया है.
बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में सेना और पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के कई अधिकारी भी सवार थे, जो अब बलोच लिबरेलशन आर्मी के कब्जे में हैं. इस तरह की आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए हर देश में स्पेशल फोर्स होती है, जो हाईजैक जैसी आतंकी घटनाओं से निपटने में माहिर होती है. अब सवाल यह है कि पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं के समय कौन सी स्पेशल फोर्स भेजी जाती है. यहां की सबसे घातक कमांडो फोर्स कौन सी है...
भारत में NSG संभालती है मोर्चा
भारत में बड़ी आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की स्थापना की गई है. एनएसजी में शामिल कमांडो विशेष परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं और ये कमांडो आतंकी हमलों का त्वरित जवाब देते हैं. इन कमांडों की ट्रेनिंग में हाईजैक सिचुएशन को डील करना भी शामिल होता है. आपको मुंबई में हुआ ताज अटैक तो याद ही होगा. इस दौरान इन्हीं NSG कमांडो को भेजा गया था, जिन्होंने खूंखार आतंकियों से मोर्चा लिया था.
पाकिस्तान में ये कमांडो फोर्स है सबसे खूंखार
भारत में एनएसजी की तरह पाकिस्तान में भी स्पेशल ऑपरेशन के लिए कमांडो फोर्स है. इस कमांडो फोर्स का नाम है स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG). एसएसजी कमांडो की ट्रेनिंग भी काफी खतरनाक होती है और इन कमांडो को स्पेशल ऑपरेशन के लिए तैयार किया जाता है. ये कमांडो, वीआईपी मेहमानों की सुरक्षा करने और आतंकी हमलों से निपटने में माहिर होते हैं, साथ ही पाकिस्तान की इस फोर्स को आधुनिक हथियारों को चलाने के साथ-साथ हाईजैक जैसी घटनाओं से भी निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है.
9 महीने तक चलती है ट्रेनिंग
पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप की ट्रेनिंग काफी खतरनाक होती है और यह 9 महीनों तक चलती है. एसएसजी का ड्रापआउट रेट 80-90 फीसदी है. यानी 100 में से 80-90 लोग ट्रेनिंग के समय ही हार मान लेते हैं और इस स्पेशल फोर्स का हिस्सा बनने से दूर हो जाते हैं. इन कमांडो को शारीरिक और मानसिक रूप से हर परिस्थिति के लिए तैयार किया जाता है और इन्हें ट्रेनिंग के लिए अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो के पास भेजा जाता है.
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Source: IOCL






















