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बेहद खतरनाक है तानाशाह किम-जोंग-उन की सुरक्षा, सिर्फ इन 12 लोगों को है हथियार लेकर पास जाने की इजाजत

Kim Jong Un Security: किम जोंग उन उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर हैं, जिनकी दुश्मनी दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान से है. हाल ही में खबर आई है कि उन्होंने अपने मुख्य बॉडीगार्ड्स को बदल दिया है.

Kim Jong Un Security: दुनिया के सबसे रहस्यमयी और पाबंदियों से भरे देश नॉर्थ कोरिया में किम जोंग उन की तानाशाही चलती है. वहां पर हर चीज के लिए कोई न कोई नियम है और वो नियम बहुत ही ज्यादा सख्त हैं. उनको न मानने पर लोगों पर कार्रवाई तक होती है. वहीं जब किम जोंग उन की सुरक्षा की बात आती है तो उत्तर कोरिया कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता है. कई बार देखा जा चुका है कि उनकी गाड़ी के पीछे कुछ लोग काले कपड़ों में दौड़ते हैं और किम जोंग उन को सुरक्षा तीन श्रेणियों में दी जाती है. चलिए किम जोंग उन की सुरक्षा के बारे में जानें और जानते हैं कि कौन से 12 लोग उनके पीछे हथियार लेकर आ सकते हैं. 

कौन करते हैं किम की सुरक्षा

किम जोंग उन के आसपास उनके 12 बॉडीगार्ड्स रहते हैं, जो कि अपने नेता की सुरक्षा करते हैं. इन्हें मेन ऑफिस ऑफ एडजुटेंट्स कहते हैं. ये सेना के अधिकारी होते हैं, जो कि देश के प्रमुखे व्यक्तियों को सुरक्षा देने का काम करते हैं. ये 12 बॉडीगार्डस अचूक सुरक्षा के लिए किम के चारों ओर घेरा बन लेते हैं. एडजुटेंट्स नाम की सिक्योरिटी फोर्स उनकी सुरक्षा की जाती है. जब उनका चयन किया जाता है, तो यह बात सुनिश्चित की जाती है कि उनको देखने में कोई दिक्कत न हो. ये सभी निशानेबाजी, बंदूक चलाने और मार्शल आर्ट्स में सक्षम होते हैं. 

किम जोंग की सुरक्षा के कैसे कैसे इंतजाम

इसमें करीब 200-300 के आसपास जवान हैं, ये अलग-अलग टाइम पर अपने नेता की सुरक्षा करते हैं. किम जोंग की सुरक्षा 3 लेयर में होती है, जिसमें पहली लेयर में 12 जवानों को किम जोंग के पास रखा जाता है. यही 12 जवान किम जोन के पास हथियार लेकर जा सकते हैं. चलिए किम जोंग की सुरक्षा लेयर को प्वाइंट में समझें-

  • बीबीसी की एक रिपोर्ट कहती है कि किम के सुरक्षा दस्ते में शामिल होने के लिए कई सारे सख्त नियम बनाए गए हैं. किम के जितने भी बॉडीगार्ड्स हैं, उनमे 2 कॉमन चीजें हैं.
  • किम जोंग के बॉडीगार्ड्स की हाइट अपने सुप्रीम लीडर के बराबर होती है. यानि कि किम जितने बड़े उतने ही बड़े उनके बॉडीगार्ड होने चाहिए. ऐसा इसलिए है ताकि कोई खासतौर पर सिर्फ किम को न निशाना बना सके.
  • दूसरा यह है कि किम की सुरक्षा में लगे बॉडीगार्ड्स कम से कम दो पीढ़ी से सरकार के वफादार रहे हैं. किम सिर्फ उन लोगों को ही अपने पास रखते हैं, जिनके परिवारों की लिस्ट उनके वफादारों में शामिल होती है.

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About the author निधि पाल

निधि पाल को पत्रकारिता में छह साल का तजुर्बा है. लखनऊ से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत भी नवाबों के शहर से की थी. लखनऊ में करीब एक साल तक लिखने की कला सीखने के बाद ये हैदराबाद के ईटीवी भारत संस्थान में पहुंचीं, जहां पर दो साल से ज्यादा वक्त तक काम करने के बाद नोएडा के अमर उजाला संस्थान में आ गईं. यहां पर मनोरंजन बीट पर खबरों की खिलाड़ी बनीं. खुद भी फिल्मों की शौकीन होने की वजह से ये अपने पाठकों को नई कहानियों से रूबरू कराती थीं.

अमर उजाला के साथ जुड़े होने के दौरान इनको एक्सचेंज फॉर मीडिया द्वारा 40 अंडर 40 अवॉर्ड भी मिल चुका है. अमर उजाला के बाद इन्होंने ज्वाइन किया न्यूज 24. न्यूज 24 में अपना दमखम दिखाने के बाद अब ये एबीपी न्यूज से जुड़ी हुई हैं. यहां पर वे जीके के सेक्शन में नित नई और हैरान करने वाली जानकारी देते हुए खबरें लिखती हैं. इनको न्यूज, मनोरंजन और जीके की खबरें लिखने का अनुभव है. न्यूज में डेली अपडेट रहने की वजह से ये जीके के लिए अगल एंगल्स की खोज करती हैं और अपने पाठकों को उससे रूबरू कराती हैं.

खबरों में रंग भरने के साथ-साथ निधि को किताबें पढ़ना, घूमना, पेंटिंग और अलग-अलग तरह का खाना बनाना बहुत पसंद है. जब ये कीबोर्ड पर उंगलियां नहीं चला रही होती हैं, तब ज्यादातर समय अपने शौक पूरे करने में ही बिताती हैं. निधि सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहती हैं और हर दिन कुछ नया सीखने, जानने की कोशिश में लगी रहती हैं.

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