Diwali Soan Papdi: दिवाली पर सबसे ज्यादा चर्चा में क्यों रहती है सोन पापड़ी! पढ़िए इसका इतिहास
सोन पापड़ी भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित मिठाइयों में से एक है. भारत में सोनपापड़ी के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि इसकी शुरुआत पश्चिमी महाराष्ट्र से हुई. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

Diwali Soan Papdi: दिवाली के आसपास मिठाइयों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. लोग एक दूसरे को दिवाली की बधाई के साथ-साथ मिठाइयां भी देते हैं. ऐसे में घर में तरह-तरह की मिठाइयां आती हैं, लेकिन दिवाली आते ही सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मिठाई होती है 'सोन पापड़ी'. दिवाली पर सोन पापड़ी के चर्चा में रहने की कई वजहें होती हैं. इनमें से कुछ सबसे मुख्य वजहें ये हैं क्योंकि यह सबसे ज्यादा गिफ्ट (Gift) में दी जाने वाली मिठाई है, सोशल मीडिया पर इस पर बहुत से मीम्स बने हुए हैं और लोग इसे मिलावटी मावा से बचने के लिए भी खाते हैं.
मुंह में रखते ही घुल जाने वाली यह मिठाई भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित रहती है. बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इस मिठाई का नाम जानते हैं. त्योहारों और दीपावली के मौके पर आज जानिए कहां से है यह सोन पापड़ी जो इतना पॉपुलर हो गई.
सोन पापड़ी के इतिहास के विषय में
भारत में मावा के अलावा बेसन से भी मिठाइयां तैयार करने का इतिहास रहा है. वैसे तो स्पष्टतौर पर भारत में सोन पापड़ी का कोई इतिहास नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि इसकी शुरुआत पश्चिमी महाराष्ट्र से हुई है. यह मिठाई काफी हद तक तुर्की की एक खास तरह की मिठाई पिस्मानिये से प्रेरित है. हालांकि, पिस्मानिये में बेसन की जगह आटे का इस्तेमाल होता है. इसको आटा, चीनी, बटर और पिस्ता से तैयार किया जाता है.
पूरे देश में छाई हुई है सोन पापड़ी
भारत में तैयार होने वाली सोन पापड़ी में आमतौर पर भुना हुआ बेसन, चीनी और खरबूज के बीजों का ही इस्तेमाल होता है. भारत में इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. सोन पापड़ी को सान पापड़ी, शोमपापड़ी और सोहन पापड़ी आदि नामों से भी जाना जाता है. सोन पापड़ी का ही एक ठोस रूप होता है पतीसा, यह भी भारत में काफी प्रचलित मिठाइयों में से एक है. हालांकि, सोन पापड़ी की तुलना में यह थोड़ा सख्त होता है.
इसलिए चुनते हैं लोग सोन पापड़ी
त्यौहार कोई भी हो, भारत में सोन पापड़ी देने का रिवाज बहुत पुराना है. इसकी मुख्य वजह रही हैं - इसका लम्बे समय तक खराब न होना, हर राज्य में आसानी से उपलब्ध हो जाना और ब्रांडेड प्रोडक्ट के तौर पर मौजूदगी. अपने खास स्वाद वाली यह मिठाई धीरे-धीरे पश्चिमी महाराष्ट्र से निकलकर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात तक पहुंची. हालांकि, सोन पापड़ी सबसे ज्यादा उत्तर भारत में फेमस हुई. इसे क्यूब का आकार देकर पिस्ता की गार्निशिंग करके पेश किया जाता है.
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