एक ऐसी जगह जहां के लोग पानी में जीवन बिताना सीख रहे, वजह आपको कर देगी हैरान
क्या आप नदी या तालाब केे अंदर घर बसाने के बारे में सोच सकते हैं? नहीं ना, लेकिन एक जगह ऐसी है जहां के लोग इसी तरह अपना जीवन बिताने के कोशिश कर रहे हैं. जिसकी वजह शायद आपको हैरान कर दे.

जहां हम नदी या तालाब में अपना जीवन बिताने के बारे में सोच भी नहीं सकते वहीं इंडोनेशिया में एक जगह ऐसी है जहां की आबादी इसी में ढलने की कोशिश कर रही है. दरअसल इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता तेजी से समुद्र में डूब रही है. यहां पिछले 25 सालों में 16 फिट से अधिक पानी भर चुका है.
पानी को ही जीवन क्यों बना रहे लोग?
जकार्ता के लोग फिलहाल संकट में हैं. जिसकी वजह इस शहर की जमीन का धीरे-धीरे जमीन में धंसना है. जकार्ता पीछले दस सालों में ढाईं मीटर जमीन में समा गया है. जहां 25 सेंटीमीटर की दर से लगातार जमीन खिसक रही है.
जकार्ता के पानी में डूबनेे की क्या है वजह?
दलदली जमीन पर बसे इस शहर के नीचे से 13 नदियां निकलती हैं और दूसरी ओर से जावा सागर दिन-रात बिना रुके हुए शहर की ओर पानी फेंकता रहता है. बाढ़ का आलम तो ये है कि शहर का काफी हिस्सा अक्सर पानी में डूबा रहता है. इसके साथ-साथ ही पानी में शहर के कई हिस्से समाते जा रहे हैं.
2050 तक डूब जाएगा जकार्ता?
विशेषज्ञों का कहना है कि यहां रहने वाले लोगों के पास 2030 तक का समय है. इस देश में एक करोड़ लोग रहते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो साल 2050 तक उत्तरी जकार्ता को 95 फीसदी हिस्सा पानी में डूब जाएगा. ये शहर 1.5 सेंटीमीटर की दर से लगातार डूब रहा है. जकार्ता के डूबने की दर दुनिया के तमाम तटीय शहरों के डूबने की दर से दुगने से भी ज़्यादा है. यहां कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है. ऐसे मे आम लोग यहां इसी स्थिति में जीवन यापन करने की कोशिशें कर रहे हैं. हालांकि उनके लिए आनेे वाला समय काफी मुश्किल होने वाला है. ऐसे में यहां की दलदली जमीन पर लगातार निर्माण कार्यों को न करने की सलाह दी जा रही है लेकिन बिल्डर्स द्वारा ये कार्य रोका नहीं जा रहा जिसके चलते इस शहर को और अधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
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