International Migrants Day: किस देश के लोग सबसे ज्यादा छोड़ रहे अपना मुल्क, किस पायदान पर आता है भारत?
हर साल 18 दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में रहने वाले प्रवासियों के योगदान को सम्मान देना है.

आज की दुनिया में लोगों का अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में बसना एक आम बात होती जा रही है. बेहतर नौकरी, अच्छी शिक्षा, सुरक्षित जीवन, ज्यादा कमाई और बेहतर सुविधाओं की तलाश में लोग अपने जन्मस्थान से दूर जा रहे हैं. इस प्रक्रिया को प्रवासन कहा जाता है और ऐसे लोगों को प्रवासी.
हर साल 18 दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में रहने वाले प्रवासियों के योगदान को सम्मान देना और उनके सामने आने वाली समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान खींचना है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, आज दुनिया में करीब 27 करोड़ 20 लाख (272 मिलियन) लोग ऐसे हैं जो अपने देश से बाहर रह रहे हैं. इनमें लाखों लोग मजबूरी में विस्थापित भी हैं, जिन्हें रोज नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. तो आइए जानते हैं कि किस देश के लोग अपना मुल्क सबसे ज्यादा छोड़ रहे और भारत किस पायदान पर आता है.
किस देश के लोग अपना मुल्क सबसे ज्यादा छोड़ रहे?
संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन रिपोर्ट 2024 के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा लोग भारत से विदेशों में जाकर बस रहे हैं, जहां लगभग 1 करोड़ 81 लाख भारतीय दूसरे देशों में रह रहे हैं, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी भेजने वाला देश बन गया है.भारतीय पेशेवरों, छात्रों और मजदूरों की वैश्विक स्तर पर भारी मांग है, जिस वजह से यह संख्या लगातार बढ़ रही है. मेक्सिको दूसरे स्थान पर है, जिसके 1 करोड़ 12 लाख नागरिक विदेशों में रहते हैं, जबकि रूस (1 करोड़ 8 लाख) और चीन (1 करोड़ 5 लाख) तीसरे और चौथे स्थान पर हैं. इसके अलावा बांग्लादेश (78 लाख), फिलीपींस (65 लाख), यूक्रेन (61 लाख), पाकिस्तान (60 लाख), इंडोनेशिया (45 लाख) और नाइजीरिया (20 लाख) भी उन प्रमुख देशों में शामिल हैं, जहां से बड़ी संख्या में लोग बाहर जाते हैं. इन सभी देशों में लोग मुख्य रूप से बेहतर आर्थिक अवसर, उच्च शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक कारणों से विदेशों का रुख करते हैं.
भारत किस पायदान पर आता है?
भारत में पिछले कुछ वर्षों में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. हर साल औसतन करीब 2 लाख भारतीय नागरिकता छोड़ रहे हैं. पिछले 5 साल में करीब 9 लाख लोग भारतीय नागरिकता त्याग चुके हैं इसका बड़ा कारण विदेशों में बेहतर जीवन स्तर, ज्यादा वेतन वाली नौकरियां, उच्च शिक्षा और रिसर्च के अवसर है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2011 से 2024 के बीच 20 लाख से ज्यादा भारतीय विदेश जाकर बस चुके हैं, 2022 में रिकॉर्ड 2.25 लाख लोगों ने नागरिकता छोड़ी, 2023 में 2.16 लाख लोगों ने देश छोड़ा और 2024 के आंकड़े अभी आने बाकी हैं, लेकिन संख्या और बढ़ने की आशंका है.
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Source: IOCL





















