क्या भारत ने भी दूसरे देशों में बनाए हैं सैन्य बेस? जानिए इसकी क्यों पड़ती है जरूरत
Indian Military Bases Outside India: विदेशी धरती पर सैन्य बेस का मतलब होता है कि सैन्य उपकरणों और सैनिकों की रक्षा करना. क्या भारत ने भी विदेशों में अपने सैन्य ठिकाने बना रखे हैं, चलिए जानें.

मौजूदा समय में हालात ऐसे हो गए हैं कि जरा सी बात पर किसी दूसरे देश के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं. अब ईरान और इजराइल के युद्ध को ही ले लीजिए. वैसे तो ये सिर्फ दो देशों के बीच हो रहा था, लेकिन फिर अमेरिका भी इसमें कूद पड़ा. बीते दिन जब ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया तो लग रहा था कि अब कतर भी इस युद्ध का हिस्सा बनने जा रहा है. खैर ईरान और इजराइल के बीच 12 दिन के बाद जंग रुक गई है. ट्रंप का ऐसा कहना है कि उन्होंने सीजफायर का एलान किया है.
इस बीच जान लेते हैं कि क्या कोई देश किसी दूसरे देश में भी अपना सैन्य बेस बना सकता है क्या? अगर ऐसा होता है तो इसकी जरूरत क्यों पड़ती है और क्या भारत ने भी दूसरे देशों में सैन्य बैस बनाए हैं.
सुरक्षा के लिए जरूरी हैं मिलिट्री बेस
सुरक्षा के कई माध्यम होते हैं. हर देश के पास अपनी सुरक्षा के लिए कई तरह के मिलिट्री बेस होते हैं. ये मिलिट्री बेस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी होते हैं. दरअसल इनमें घातक हथियार और सामान रखा होता है. ये किसी भी वक्त दुश्मन पर हमला करने के काम आते हैं. दुश्मन देश तक मदद पहुंचाने से रोकने में भी इस मिलिट्री बेस का अहम योगदान होता है.
क्या होता है सैन्य बेस और क्यों पड़ती है इसकी जरूरत
सैन्य बेस किसी दूसरे देश में सेना का अड्डा होता है. यहां पर जल, थल और वायुसेना के लिए सुरक्षा उपकरण , जवान और संसाधन तैनात होते हैं. यह एक कम्युनिकेबल जगह होती है, जहां पर सैनिकों का प्रशिक्षण, हथियारों का भंडारण, सैन्य उपकरणों का रखरखाव और विभिन्न सैन्य गतिविधियों का संचालन होता है. सैन्य बेस का उद्देश्य सुरक्षा, रक्षा और सैन्य अभियानों को लेकर योजना बनाना होता है.
भारत ने कहां-कहां बनाए सैन्य ठिकाने
भारत चीन और पाकिस्तान से खतरे को देखते हुए पूरी दुनिया में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश कर रहा है. भारत का पहला विदेशी एयरबेस फारखोर ताजिकिस्तान के दक्षिण में है. इसके अलावा भूटान और भारत की भी अच्छी दोस्ती है. इसलिए भूटान में भी इंडियन मिलेट्री ट्रेनिंग टीम मौजूद है. मॉरीशस में भी भारत ने अपना सैन्य ठिकाना बनाया है जो कि भारतीय समुद्र क्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा देखता है.
ओमान के रस अल हद्द में भारत का एक लिसनिंग पोस्ट है और डुक्म में एक सैन्य अड्डा है. यहां पर भारतीय वायुसेना और नौसेना के जहाजों की मरम्मत और आपूर्ति होती है. इसके अलावा भारत का सुरक्षा बेस सिंगापुर में है. यहां पर चांगी नेवल बेस है, जो कि मलक्का जलडमरूमध्य जैसे जरूरी समुद्री मार्ग की निगरानी करता है.
यह भी पढ़ें: ये हैं दुनिया में हथियारों के सबसे बड़े सौदागर, जानें भारत किस नंबर पर?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















