इन राज्यों में अब भी होता है बाल विवाह, महज इतनी उम्र में करा देते हैं शादी
भारत में लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल होनी चाहिए, लेकिन इसके बावजूद कई राज्यों में अब भी लड़कियों की बहुत कम उम्र में शादी कर दी जाती है.

भारत जैसे विविधता वाले देश में समाज और संस्कृति का असर बहुत गहरा होता है. एक ओर जहां देश तकनीक और शिक्षा में आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर बाल विवाह जैसी पुरानी सामाजिक प्रथा आज भी कई हिस्सों में जारी है. हालांकि, कानून साफ कहता है कि भारत में लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल होनी चाहिए. इसके बावजूद कई राज्यों में अब भी लड़कियों की बहुत कम उम्र में शादी कर दी जाती है.
इस प्रथा के पीछे कई कारण हैं जैसे गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक दबाव, परंपरा और कभी-कभी अंधविश्वास भी. इसके खतरनाक नतीजे होते हैं, जिसमें लड़कियां न तो पढ़ाई पूरी कर पाती हैं, न ही मानसिक रूप से शादी और बच्चों के लिए तैयार होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन राज्यों में अब भी बाल विवाह होता है और महज कितनी उम्र में शादी कर देते हैं.
बाल विवाह क्या है?
बाल विवाह का मतलब 18 साल से कम उम्र की लड़की या 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी कर देना है. भारत के कानूनों के अनुसार, यह एक गैरकानूनी और प्रतिबंधित प्रथा है. लेकिन फिर भी, खासकर ग्रामीण इलाकों और पिछड़े राज्यों में यह आज भी देखा जाता है.
भारत में बाल विवाह की स्थिति और राज्यों की रिपोर्ट
हाल ही में सरकार और अन्य संस्थानों द्वारा किए गए कई सर्वे में यह बात सामने आई है कि कुछ राज्यों में बाल विवाह की स्थिति बेहद खराब है. इसमें झारखंड में बाल विवाह का प्रतिशत सबसे ज्यादा है. यहां ग्रामीण इलाकों में 7.3 प्रतिशत लड़कियों और शहरी इलाकों में 3 प्रतिशत लड़कियों की 18 की उम्र से पहले शादी कर दी जाती है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी बाल विवाह की स्थिति सही नहीं है. यहां 54.9 प्रतिशत लड़कियों की शादी 16 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है. वहीं बिहार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और असम जैसे राज्यों में भी बाल विवाह का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ऊपर है. यहां की सामाजिक मान्यताएं और गरीबी इस प्रथा को बढ़ावा देते हैं.
सरकार क्या कर रही है बाल विवाह रोकने के लिए?
1. बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 (PCMA) - यह कानून कहता है कि 18 से कम उम्र की लड़की और 21 से कम उम्र के लड़के की शादी अवैध है. इसमें दोषियों को सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है.
2. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना - लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई.
3. बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल - हाल ही में सरकार ने एक पोर्टल लॉन्च किया है जिससे सीधे बाल विवाह की रिपोर्ट की जा सकती है. यह पोर्टल बाल विवाह निषेध अधिकारियों की निगरानी और जवाबदेही बढ़ाता है.
4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 - लड़कियों को पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया गया है ताकि वे जल्द शादी का विरोध कर सकें.
दुनिया में कहां-कहां कम उम्र में शादी होती है?
भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में बाल विवाह आम है. जैसे- नाइजर, यहां 75 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां 18 से कम उम्र में शादी कर दी जाती हैं. वहीं अफगानिस्तान में 15 साल में ही माता-पिता की अनुमति से शादी हो सकती है. इसके अलावा ईरान में भी लड़कियों की 13 साल में शादी कर दी जाती हैं. वहीं यमन में शादी की उम्र सिर्फ 15 साल है. अमेरिका में भी कई जगहों पर लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 15 साल है.
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Source: IOCL























