जेल में अगर किसी कैदी के पास मिल जाए मोबाइल तो क्या बढ़ जाती है उसकी सजा, क्या ऐसा भी है कोई कानून?
Punishment For Prisoner If He Gets Mobile: जेल में आए दिन कैदियों के पास से मोबाइल फोन मिलते रहते हैं. चलिए जानें कि अगर किसी कैदी के पास मोबाइल मिलता है तो उसके लिए क्या सजा है.

बीते दिन सतना जेल में एक कैदी के पास मोबाइल फोन मिला है. जेल के अधिकारियों में इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है. जेल अधीक्षक का कहना था कि करीब साढ़े दस बजे वार्ड के बाथरूम की ओर संदिग्ध गतिविधि को देखकर प्रहरी ने जांच की थी. तलाशी के दौरान छतरपुर के बंदी के पास की-पैड वाला मोबाइल बरामद हुआ है. फोन में दो सिमकार्ड चालू हालत में थे. प्रहरी ने तुरंत फोन जब्त करके वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी थी. चलिए जानें कि अगर जेल में किसी कैदी के पास मोबाइल फोन मिलता है तो क्या इसके लिए कोई कानून है.
कैदी को क्या मिलेगी सजा
जेल सुधारों के क्रम में केंद्र सरकार ने नए कारावास अधिनियम पर काम किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका मसौदा भी तैयार किया है. इस मसौदे में कहा गया है कि अगर किसी कैदी के पास मोबाइल फोन मिला तो इसके लिए तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है. जेल में अगर किसी कैदी के पास गैजेट मिला तो उनको दंडित किया जाएगा. इसके लिए जेल में कैदी के फोन रखने पर उसे तीन साल की और जेल होगी.
कैदी की नियमित होगी तलाश
इसके अलावा कैदियों की निगरानी के लिए तकनीकी का इस्तेमाल किया जाता है और कैदी की नियमित तलाश की जाती है, जिससे कि प्रतिबंधित चीजों के इस्तेमाल से उसे रोका जा सकता है. इसके अलावा कैदियों के हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस भी पहनने की शर्त की इच्छा की शर्त पर जेल से छुट्टी दी जा सकती है. अगर कैदी किसी भी तरह से सजा का उल्लंघन करता है, तो उसकी लीव और भविष्य में किसी भी तरह की छुट्टी रद्द कर दी जाती है.
गृह मंत्रालय ने तैयार किया नया ड्राफ्ट
गृह मंत्रालय ने जेल कानून में सुधार को लेकर तैयार किए ड्राफ्ट में मोबाइल फोन और प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने पर सजा देने का सुझाव दिया गया है. इसमें कहा गया है कि जेल में कैदियों को मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रखने और उनके इस्तेमाल करने से मना किया था. इसके अनुसार अगर कोई आगंतुक जेल के बनाए नियमों का उल्लंघन करता है या फिर इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है, तो उस पर दोष सिद्ध होने पर तीन साल की अवधि के लिए कारावास या फिर 25,000 से ज्यादा का जुर्माना या फिर दोनों दंडनीय होंगे.
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