पिन खींचने के कितनी देर बाद फट जाता है हैंड ग्रेनेड, बचने के लिए कितना मिलता है वक्त?
आज भले ही हैंड ग्रेनेड का दौर खत्म हो गया हो लेकिन आज भी इसका यूज होता है. चलिए, आपको बताते हैं कि यह कितने देर में फट जाता है और इससे कैसे बचाव कर सकते हैं.

आज का दौर भले ही फाइटर जेट्स और मिसाइलों का हो, लेकिन एक दौर था जब जंग में हैंड ग्रेनेड का अहम रोल होता था. आज भी छोटे ऑपरेशन या किसी बिल्डिंग को उडाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. हैंड ग्रेनेड एक घातक विस्फोटक हथियार है जिसका प्रयोग आमतौर पर सैन्य अभियानों में किया जाता है.
इसकी बनावट और कार्य प्रणाली इस प्रकार होती है कि यह दुश्मन को अचानक विस्फोट से हानि पहुंचा सके. एक आम सवाल यह उठता है कि जब किसी हैंड ग्रेनेड की पिन खींची जाती है, तो कितनी देर बाद वह फटता है? और क्या बचने का कोई मौका होता है?. चलिए, आपको इन सवालों के जवाब विस्तार से देते हैं.
कैसी होती है हैंड ग्रेनेड का बनावट
हैंड ग्रेनेड मुख्य रूप से तीन हिस्सों से बना होता है. इसमें पहला हिस्सा उसका बॉडी होता है, जिसमें विस्फोटक भरा होता है. दूसरा हिस्सा फ्यूज मैकेनिज्म का होता है इसमें पिन, लीवर जिसे स्पून भी कहा जाता है और इग्निशन सिस्टम होता है. तीसरा हिस्सा सेफ्टी पिन का होता है जो सुरक्षा के लिए होती है और इस्तेमाल से पहले खींची जाती है. जब एक सैनिक ग्रेनेड की सेफ्टी पिन खींचता है, तब तक ग्रेनेड सक्रिय नहीं होता जब तक वह लीवर को छोड़ नहीं देता. लीवर छोड़ते ही ग्रेनेड का फ्यूज सिस्टम एक्टिव हो जाता है.
पिन खींचने के बाद टाइमर कितना होता है?
अधिकतर स्टैण्डर्ड हैंड ग्रेनेड, जैसे कि M67 अमेरिकन ग्रेनेड में 4 से 5 सेकंड का टाइमर होता है. इसका मतलब यह है कि जैसे ही पिन खींचने के बाद लीवर छोड़ा जाता है, ग्रेनेड 4-5 सेकंड में फट जाता है. कुछ ग्रेनेड में यह समय 3 सेकंड तक भी सीमित हो सकता है, जबकि कुछ विशेष मॉडलों में टाइमर को 7 सेकंड तक बढ़ाया गया है. यह समय एक प्रकार का delay fuse कहलाता है जो उपयोगकर्ता को ग्रेनेड फेंकने का समय देता है, ताकि वह खुद भी बच सके और लक्ष्य तक विस्फोट पहुंच सके.
क्या बचा जा सकता है?
अगर आपसे कुछ मीटर की दूरी पर ग्रेनेड फेंका गया है, तो आपके पास बचने का लगभग 3से 4 सेकंड का समय हो सकता है. लेकिन यह काफी हद तक स्थिति पर निर्भर करता है. जैसे कि अगर आप खुले मैदान में हैं, तो आपको तेजी से जमीन पर लेटना या कवर में जाना होगा. इसके अलावा दूरी भी निर्भर करती है जैसे कि ग्रेनेड की मारक क्षमता 5 से 15 मीटर तक होती है, लेकिन टुकड़े 50 मीटर या उससे ज्यादा दूर तक जा सकते हैं.
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Source: IOCL






















