ट्रंप ने गाजा में बनाया बफर जोन, क्या भारत-पाकिस्तान और चीन के बीच भी है कुछ ऐसा सिस्टम?
ट्रंप ने गाजा युद्ध रोकने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है, जिसमें गाजा और इजरायल के बीच बफर जोन बनाने की बात की गई है.ट्रंप के अनुसार इस योजना पर कतर, पाकिस्तान और अन्य कई देशों ने सहमति जताई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध को रोकने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है, जिसमें गाजा और इजरायल के बीच बफर जोन बनाने की बात की गई है. ट्रंप का कहना है कि इस योजना पर कतर, पाकिस्तान और अन्य कई देशों ने सहमति जताई है. उन्होंने दावा किया है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस प्रस्ताव पर सहमत हुए हैं. हालांकि नेतन्याहू की सहमति पर उनके हालिया बयान सवाल खड़े करते हैं.
बफर जोन का मतलब यह होता है कि इजरायल और गाजा के बीच एक ऐसा क्षेत्र होगा, जहां कोई भी सैनिक या नागरिक प्रवेश नहीं कर पाएगा. ट्रंप ने इसे गाजा में स्थायी शांति का रास्ता बताया है. ट्रंप की इस योजना के अनुसार इजरायल धीरे-धीरे गाजा के अधिकांश हिस्सों से सेना को पीछे हटाएगा और इससे बंधकों की रिहाई के लिए जगह भी तैयार होगा.
गजा में ट्रंप के बफर जोन की तीन लाइन
गाजा युद्ध को रोकने के लिए बफर जोन वाले प्लान को लेकर ट्रंप ने नक्शे पर तीन लाइन खींच कर इस जोन को दर्शाया है. इन तीन लाइनों में...
नीली लाइन- इजरायल की वर्तमान सेना वाली जगह
पीली लाइन- इजरायली सेना बंधकों को छोड़ने के लिए पहुंचेगी
लाल लाइन- इजरायली सेना यहां आकर रुक जाएगी
वहीं इस बफर जॉन को लेकर ट्रंप ने यह भी शर्त रखी है कि गाजा को आतंकवाद मुक्त बनाया जाएगा और अगर दोनों पक्ष सहमत होते हैं तो तुरंत युद्ध खत्म हो जाएगा. इसके बाद इजरायल 250 आजीवन कैदियों और 1700 अन्य गाजा वासियों को रिहा कर देगा.
भारत चीन सीमा पर क्या है सिस्टम
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भी कई जगहों पर बफर जोन और पेट्रोलिंग सिस्टम लागू किए गए हैं. अप्रैल 2020 में गलवान घाटी और लद्दाख के अन्य इलाकों में तनाव के बाद दोनों देशों ने सीमा पर सैन्य गतिविधियों को कंट्रोल करने और के लिए कई समझौते किए. इन समझौतों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में स्थापित बफर जोन में भारत और चीन की सेनाएं सीमित क्षेत्र में ही तैनात होती है. गलवान, पांगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग्स जैसे विवादित क्षेत्र में विवादित क्षेत्र से सैनिकों को पीछे रखा गया है. इसमें सैन्य अग्रिम पोस्ट को अलग रखा गया है. भारत चीन सीमा पर बने बफर जोन को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि भारत और चीन में सीमा पर कई संवेदनशील मुद्दों को हल किया. पेट्रोलिंग और बफर जोन के जरिए दोनों पक्ष अपने सैनिकों और राजनीतिक सुविधाओं को सुरक्षित रख सकते हैं.
क्या पाकिस्तान के साथ भी है ऐसा सिस्टम
भारत-पाक सीमा पर फिलहाल बफर जोन जैसा कोई सिस्टम लागू नहीं है. लेकिन कंट्रोल और निगरानी के लिए सीमा पर पेट्रोलिंग, चौकियां और रणनीतिक दृष्टि की व्यवस्था की गई है. खासकर जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान की सीमाओं पर यह पेट्रोलिंग व्यवस्थाएं सक्रिय रूप से लागू है. दोनों देशों के बीच एलओसी पर लगातार निगरानी और फायरिंग कंट्रोल के लिए समझौते भी समय-समय पर भी किए जाते रहे हैं.
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