जब फ्रिज नहीं था क्या तब गर्म बीयर ही पीते थे लोग? ये रहा जवाब
आज के वक्त बहुत आसानी से बाजार में ठंडी बियर मिल जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब फ्रिज का आविष्कार नहीं हुआ था, उस समय लोग ठंडी बियर कैसे पीते थे? जानिए क्या करते थे इस्तेमाल.

शराब के शौकीन लोग दुनियाभर में रहते हैं. इनमें से कुछ लोग वाइन, व्हिस्की पीना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग ठंडी बियर पीना पसंद करते हैं. हालांकि बियर में व्हिस्की की तुलना में अल्कोहल कम होता है. लेकिन सवाल ये है कि जब पहले के समय फ्रिज नहीं था, तो क्या लोग गर्म बियर पीते थे? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
बियर
बियर एक अल्कोहलिक ड्रिंक है. बता दें कि जौ के पानी से तैयार होता है. बीयर बनाने के लिए सबसे पहले जौ यानी बार्ली को चुना जाता है. इसके बाद जौ को पानी में भिगोया जाता है, जिससे यह कुछ दिनों में अंकुरित होने लगता है. इसी प्रक्रिया को "मैल्टिंग" कहते हैं. जब जौ अंकुरित हो जाता है, तो उसमें मौजूद स्टार्च सुगर में बदलने लगता है, बाद में इसी को यीस्ट द्वारा शराब में बदल दिया जाता है. आपको बता दें, मैल्टिंग की यह प्रक्रिया लगभग 5-7 दिनों तक चलती है.
इसलिए बियर होती है गर्म
बता दें कि मैल्टिंग के बाद फिर फर्मेंटेशन का प्रक्रिया होती है. दरअसल जब जौ पूरी तरह से अंकुरित हो जाता है, तो उसे सुखाया जाता है और फिर पीसा जाता है. इस पिसे हुए माल्ट को पानी में मिलाकर गर्म किया जाता है. ऐसा करने पर इसमें मौजूद शुगर घुल जाती है. इसके बाद इस मिश्रण को ठंडा किया जाता है और फिर इसमें यीस्ट मिलाया जाता है. यही वह चरण होता है, जिसे आप आसान भाषा में "फर्मेंटेशन" के नाम से जानते हैं. फर्मेंटेशन की प्रक्रिया लगभग 7 से 10 दिनों तक चलती है. हालांकि कई मामलों में ये 2 हफ्ते तक भी चल सकती है. बता दें फर्मेंटेशन में लगने वाला समय और तापमान बीयर के स्वाद और प्रकार को भी प्रभावित करता है.
पहले लोग कैसे ठंडा करते थे बीयर
अब आप ये तो समझ गए हैं कि बीयर बनता कैसे है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जब फ्रीज नहीं था, तो बीयर कैसे ठंडा होता था? बता दें कि बियर फ़्रिज से पहले आया था. बियर बनाने का सबसे पुराना सबूत सुमेरियों के काल से मिला है, जो करीब 4,000 ईसा पूर्व का है. इसके अलावा पहले के समय में बियर को ठंडा करने के लिए लोग नदी, झील के पानी और जमे हुए बर्फ को भूमिगत गड्ढों में जमा करके उसका इस्तेमाल करते थे. जिन्हें आइस हाउस कहा जाता था, क्योंकि जमीन हवा से ठंडी होती है.
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