एक्सप्लोरर

ये बात कैसे तय हुई कि दिन 24 घंटों का होगा? आपके हाथों में छिपा है समय का राज़, पढ़िए...

कभी सोचा है कि आपकी कलाई पर जो घड़ी बंधी है, उसमें 1 से लेकर 12 तक के ही अंक क्यों लिखे हैं. क्या कभी आपने यह सोचा है कि यह कैसे तय हुआ कि एक दिन में 24 ही घंटे होंगे? अगर नहीं, तो यहां जानिए...

हम अपने दिन भर के सभी काम घड़ी में समय देखकर करते हैं, जिनमें खाना-पीना, ऑफिस जाना, स्कूल या कॉलेज जाना, पढ़ना और सोने जैसे रोजमर्रा के काम शामिल होते हैं. यह आपको पता है कि एक दिन में 24 घंटे होते हैं, एक घंटे में 60 मिनट होती है और एक मिनट में 60 सेकेंड होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सिस्टम कैसे शुरू हुआ? आखिर यह कैसे तय हुआ होगा कि एक दिन में 24 घंटे होंगे, हर घर में 60 मिनट और हर मिनट में 60 सेकंड्स?

इस बात को जानना आपका लिए दिलचस्प हो सकता है कि 60 के आधार पर कैसे यह कॉन्सेप्ट शुरू हुआ और इसकी पहली गणना किसने की थी. सबसे पहले 60 की गणना किसने की थी?

डीडब्ल्यू हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह सिस्टम बेबीलॉन के लोगों ने एक प्राचीन प्रणाली के आधार पर विकसित किया, जो मेसोपोटामिया की सभ्यता में मौजूद थी. रिपोर्ट के मुताबिक, वे लोग अपने बाएं हाथ के अंगूठे से चार उंगलियों के 12 हिस्सों को गिनते थे, जिसे एक पवित्र अंक माना गया था. इसके बाद, उन्होंने रात और दिन को इस 12 के आधार पर बांट दिया. हालांकि, उस समय उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमने में 24 घंटे लेती है. तब भी उन्होंने पहले से ही 12 का उपयोग किया और दिन-रात के ऐसे ही बांट लिया. इससे ही दिन में 24 घंटे की गणना का आधार मिला और बाद में यह सत्यापित हुआ.

"एक घंटे में 60 मिनट" की गणना कैसे की गई?

वास्तव में, उन्होंने अपने दाहिने हाथ का उपयोग करके अपने बाएं हाथ की चार उंगुलियों के हिस्सों को अलग-अलग उंगुलियों और अंगूठे से गिना, और इसका योगफल 60 मिला. हालांकि, उस समय तक समय की सटीक जानकारी की आवश्यकता नहीं थी. उस समय पूर्णतया खगोलज्ञ इस 60 का उपयोग समय की सटीक गणना के लिए करते थे. माना जाता है कि इन लोगों की गणना प्रणाली की वजह से "घंटे में 60 मिनट" के कॉन्सेप्ट की पहचान हुई.

द गार्डियन की एक रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि बैबीलोन के लोगों ने "मैथ्स" और अन्य क्षेत्रों के लिए सेक्सागेसिमल सिस्टम का उपयोग किया और उन्हें पता चला कि एक मिनट में 60 सेकेंड और एक घंटे में 60 मिनट होती हैं. इस सिस्टम की उत्पत्ति सुमेरियों से हुई, जो 3500 ईसा पूर्व में इसका उपयोग करते थे. इस सिस्टम का उपयोग दिन और रात को 12 भागों में विभाजित करने और घंटे और मिनट के लिए 60 का उपयोग करने के लिए किया जाता था.

वास्तव में, 60 एक ऐसी संख्या है जिसे सबसे अधिक तरीकों से बराबर हिस्सों में बांटा जा सकता है. इसलिए, 60 के आधार पर मिनट, सेकेंड और घंटे के कॉन्सेप्ट को समझने में सहायता मिलती है. इसलिए, बैबीलॉन के लोगों ने घंटे में 60 मिनट और मिनट में 60 सेकेंड की गणना की थी.

दिन के 24 घंटे कैसे तय हुए?

साइंस एबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 घंटे दिन की अवधारणा प्राचीन मिस्रवासियों से आई है. उन्होंने छाया घड़ियों जैसे उपकरणों के साथ दिन को 10 घंटों में विभाजित किया और फिर प्रत्येक छोर पर एक घंटा जोड़ा. बाद में, मिस्रवासियों ने एक टी-आकार की पट्टी बनाई, जिसे सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को 12 भागों में विभाजित करने के लिए कैलिब्रेट किया गया था. टी-आकार का यह उपकरण आकाश में सूर्य की स्थिति के आधार पर इन 12 भागों में से एक पर छाया डालकर समय प्रदर्शित करता था.

रात में काम नहीं करती थी ये प्रणाली

यह प्रणाली दिन के दौरान जब सूर्य मौजूद होता था तो अच्छी तरह से काम करती थी, लेकिन रात में सूरज की रोशनी न होने के कारण समय का पता लगाना बहुत मुश्किल होता था. प्राचीन मिस्रवासी ने रात के समय की गणना करने के लिए तारों का इस्तेमाल किया. उन्होंने 36 विशेष सितारों के एक समूह पर ध्यान दिया, जिन्हें "डेकेन" कहा जाता है. ये तारे एक पैटर्न में आकाश में उगते थे. उन्होंने सही ढंग से तारों की मदद से समय का हिसाब रखने के लिए विशेष चार्ट बनाए, जिन्हे स्टार कैलेंडर कहा जाता है. समय बीतने ने साथ आखिर में इस टाइमकीपिंग प्रक्रिया को दिन और रात के साथ मानकीकृत किया गया. हालांकि, इसमें तब भी काफी कमियां थीं, जो समय के साथ सुधरती चली गईं.

14वीं शताब्दी में आई घड़ी

साइंस एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीक गणितज्ञ हिप्पार्कस ने एक दिन को 24 बराबर घंटों में विभाजित किया. इसके बाद यूरोप में 14वीं शताब्दी में यांत्रिक घड़ियां आईं और आम लोगों ने समय देखने के लिए अब इस प्रणाली का उपयोग करना शुरू कर दिया जिसका हम आज करते हैं.

यह भी पढ़ें - बच्चों के लिए कितने घंटे मोबाइल चलाना सेफ रहता है? इससे ज्यादा चलाने दिया तो हो सकता है बड़ा नुकसान!

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'BJP में एक से एक...', कंगना रनौत ने 'रघुपति राघव राजा राम' को कहा नेशनल एंथम तो सुप्रिया श्रीनेत ने ले ली मौज
'BJP में एक से एक...', कंगना रनौत ने 'रघुपति राघव राजा राम' को कहा नेशनल एंथम तो सुप्रिया श्रीनेत ने ले ली मौज
योगी सरकार का नए साल से पहले यूपी के युवाओं को तोहफा, अब बन जाइए लेखपाल!
योगी सरकार का नए साल से पहले यूपी के युवाओं को तोहफा, अब बन जाइए लेखपाल!
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
The Raja Saab BO Prediction: प्रभास की हॉरर-कॉमेडी का पहले दिन कैसा होगा हाल? सामने आ गया है बड़ा अपडेट
प्रभास की हॉरर-कॉमेडी का पहले दिन कैसा होगा हाल? सामने आ गया है बड़ा अपडेट

वीडियोज

Hero Xoom 125 vs TVS Ntorq 125 | Auto Live #hero #tvs
Real-World Range Test of Tata Harrier EV | Shocking Results! #tatamotors
Maruti Suzuki Victoris Review | Auto Live #marutisuzuki #victoris
Sansani: दिलजली सनम का आखिरी रोमांस | ABP News
IPL 2026 ऑक्शन में Cameron Green बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'BJP में एक से एक...', कंगना रनौत ने 'रघुपति राघव राजा राम' को कहा नेशनल एंथम तो सुप्रिया श्रीनेत ने ले ली मौज
'BJP में एक से एक...', कंगना रनौत ने 'रघुपति राघव राजा राम' को कहा नेशनल एंथम तो सुप्रिया श्रीनेत ने ले ली मौज
योगी सरकार का नए साल से पहले यूपी के युवाओं को तोहफा, अब बन जाइए लेखपाल!
योगी सरकार का नए साल से पहले यूपी के युवाओं को तोहफा, अब बन जाइए लेखपाल!
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
The Raja Saab BO Prediction: प्रभास की हॉरर-कॉमेडी का पहले दिन कैसा होगा हाल? सामने आ गया है बड़ा अपडेट
प्रभास की हॉरर-कॉमेडी का पहले दिन कैसा होगा हाल? सामने आ गया है बड़ा अपडेट
जब धोनी बन गए थे क्रिकेट के सुपरस्टार तब ये दोनों पैदा भी नहीं हुए थे, अब 'कैप्टन कूल' के साथ ड्रेसिंग रूम करेंगे शेयर
जब धोनी बन गए थे क्रिकेट के सुपरस्टार तब ये दोनों पैदा भी नहीं हुए थे, अब 'कैप्टन कूल' के साथ ड्रेसिंग रूम करेंगे शेयर
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र आज, 'विकसित और समृद्ध प्रदेश' पर फोकस, कांग्रेस ने बुलाई बैठक
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र आज, 'विकसित और समृद्ध प्रदेश' पर फोकस, कांग्रेस ने बुलाई बैठक
Video: महिला ने पाइनेप्पल छीलकर रचा इतिहास, 11 सेकंड में हो गया टुकड़े टुकड़े और बना विश्व रिकॉर्ड
महिला ने पाइनेप्पल छीलकर रचा इतिहास, 11 सेकंड में हो गया टुकड़े टुकड़े और बना विश्व रिकॉर्ड
Delhi Pollution: प्रदूषण से परेशान इतने लोग छोड़ना चाहते हैं दिल्ली, 52 पर्सेंट लोग किसी न किसी तरह से बीमार
प्रदूषण से परेशान इतने लोग छोड़ना चाहते हैं दिल्ली, 52 पर्सेंट लोग किसी न किसी तरह से बीमार
Embed widget